advertisement
दुनियाभर में कोरोना वायरस के 55 लाख से ज्यादा मामले रिपोर्ट हो चुके हैं. संक्रमण से करीब साढ़े तीन लाख लोगों की मौत हो चुकी है. महामारी ने कई देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है. अब चीन की वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली ने कहा है कि जिन वायरस का अब पता चल रहा है, वो तो 'सिर्फ समस्या का बहुत छोटा हिस्सा है'.
शी झेंगली चमगादड़ों में कोरोना वायरस पर काम करने के लिए मशहूर हैं. उन्होंने चीन के एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में ये बात कही. शी झेंगली ने कहा कि महामारियों में वैश्विक भागीदारी की जरूरत है.
वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली को चीन की 'बैट वुमन' कहा जाता है. वो वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की डिप्टी डायरेक्टर भी हैं. शी झेंगली ने CGTN से बातचीत में कहा, "वायरस की रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों और सरकारों को पारदर्शी और कोऑपरेटिव होना चाहिए. साइंस का राजनीतिकरण खेदजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है."
नॉवेल कोरोना वायरस के वुहान लैब से आने के आरोपों पर शी झेंगली एक सोशल मीडिया पोस्ट लिख चुकी हैं. उन्होंने कहा था, "मैं कसम खाती हूं कि महामारी का मेरी लैब से लेना-देना नहीं है."
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई लोग महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं. ट्रंप दावा करते हैं कि नॉवेल कोरोना वायरस वुहान लैब से आया है. इस वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की डायरेक्टर वांग यांयी ने CGTN के साथ इंटरव्यू में इन आरोपों को झूठा करार दिया था.
वांग यांयी ने कहा था, "लैब में चमगादड़ों से कुछ कोरोना वायरस आइसोलेट किए गए थे. हमारे पास तीन जिंदा स्ट्रेन हैं. लेकिन उन सभी की SARS-CoV-2 से समानता सिर्फ 79.8 फीसदी ही है." SARS-CoV-2 वायरस से ही COVID-19 होता है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)