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कोरोना वायरस की महामारी का केंद्र बने अमेरिका में हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान अमेरिका में 2000 लोगों की मौत हो गई है. न्यू यॉर्क शहर देश में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में शामिल है.
दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों और रिसर्च को ट्रैक कर रही अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक, 8 अप्रैल तक दुनियाभर में कोरोना वायरस के कंफर्म केसों की संख्या 1,429,437 है. इसमें से लगभग 3 लाख लोग रिकवर हो चुके हैं. वहीं, पूरी दुनिया में 82,000 से ज्यादा लोग इस महामारी के कारण जान गंवा चुके हैं.
जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ जेमी मेर्कल ने शेयरहोल्डरों को दिये एक वार्षिक पत्र में अनुमान लगाया कि अमेरिकी अर्थतंत्र मंदी में फंसने वाली है और 2008 वित्तीय संकट के दबाव का सामना करेगा.
सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पूर्व अध्यक्ष जेनेट एल येलन का मानना है कि इस साल की दूसरी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी में कम से कम 30 प्रतिशत की कटौती आएगी. इससे पहले अमेरिकी श्रम मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया था कि मार्च में अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत थी, लेकिन येलन ने कहा कि स्थिति इस से और बिगड़ चुकी है. बेरोजगारी दर 12-13 प्रतिशत हो गयी है और यह दर और बढ़ेगी.
कोरोना वायरस से यूनाइटेड किंगडम में एक दिन में 700 से ज्यादा मौतें रिकॉर्ड की गईं. AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 7 अप्रैल को यूके में COVID-19 से 786 लोगों की जान चली गई. इस महामारी से यूके में 52,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. वहीं, अब तक 5,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और आईसीयू में भर्ती हैं.
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