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अमेरिका ने रोकी थी फंडिंग,अब WHO को 3 करोड़ डॉलर की और मदद देगा चीन

डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए इसकी फंडिंग रोक दी

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डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए इसकी फंडिंग रोक दी
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डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए इसकी फंडिंग रोक दी
(फाइल फोटो: AP)

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दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों की तादाद 26 लाख से ज्यादा हो चुकी है. संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1 लाख 80 हजार से पार जा चुकी है. इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) सक्रिय रूप से काम कर रहा है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए इसकी फंडिंग रोक दी है. अब चीन ने WHO को 3 करोड़ डॉलर की और मदद देने का ऐलान किया है.

चीन ने 23 अप्रैल को ऐलान किया कि वो WHO को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मदद के लिए और 3 करोड़ डॉलर देगा.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "चीन ने WHO को 3 करोड़ डॉलर की मदद कैश में देने का फैसला किया है. ये मदद पिछले 2 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त दी जाएगी. हम WHO की COVID-19 के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करते हैं और साथ ही संगठन विकासशील देशों के हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने का काम भी कर रहा है."

शुआंग ने कहा कि चीन की ये मदद सरकार और लोगों के WHO में भरोसे को दिखाता है.  

ट्रंप ने रोकी WHO की फंडिंग

WHO के सबसे बड़े डोनर अमेरिका ने फंडिंग पर रोक लगाने का ऐलान किया है. 14 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस से 'गलत तरीके' से निपटने और इस पूरे मामले को कवर करने को लेकर WHO की भूमिका की समीक्षा की जा रही है.

ट्रंप का आरोप है कि WHO जान बचाने की बजाय पॉलिटिकल करेक्टनेस पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. ट्रंप WHO पर चीन को लेकर पक्षपाती होने का भी आरोप लगा चुके हैं. ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका 40 से 50 करोड़ डॉलर WHO को देता है, जबकि चीन सालाना 4 करोड़ डॉलर या उससे कम की मदद देता है.

WHO की जरूरत क्यों है?

बता दें कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद स्थापित WHO कोरोनावायरस जैसी महामारी की स्थिति में दुनियाभर के लिए सेंट्रल को-ऑर्डिनेटिंग बॉडी की तरह काम करता आया है. इसका काम है दुनिया की अलग-अलग हेल्थ एजेंसियों को गाइड करना, आपातकाल की घोषणा करना और आपात स्थिति में दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच सूचनाओं और अहम जानकारी को साझा करना.

ऐसे में जब दुनियाभर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 2 मिलियन पार कर गई है. WHO का रोल और अहम हो जाता है और अमेरिका के फंड कट के ऐलान के बाद इसके कामकाज पर असर पड़ सकता है.

WHO के दूसरे बड़े डोनर बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के चेयरमैन बिल गेट्स इस स्थिति को समझाते हुए कहते हैं कि WHO का फंड रोकना उतना ही खतरनाक है जितना कि ये सुनने में लगता है. WHO का काम कोरोना वायरस के संक्रमण को धीमा कर रहा है, अगर इस काम को रोक दिया जाता है, तो दुनिया में कोई भी दूसरा संगठन ये काम नहीं कर सकेगा. बिल गेट्स का कहना है कि कोई भी दूसरा संगठन WHO की जगह नहीं ले सकता. दुनिया को WHO की जरूरत है.

(इनपुट: AFP)

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Published: 23 Apr 2020,06:19 PM IST

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