Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना के इलाज में रेमडेसिवीर का रिजल्ट पॉजिटिव, कंपनी का दावा

कोरोना के इलाज में रेमडेसिवीर का रिजल्ट पॉजिटिव, कंपनी का दावा

इबोला वायरस के खिलाफ सबसे पहले टेस्ट किया गया था ये ड्रग

क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
इबोला वायरस के खिलाफ सबसे पहले टेस्ट किया गया था ये ड्रग
i
इबोला वायरस के खिलाफ सबसे पहले टेस्ट किया गया था ये ड्रग
(फोटो: iStock)

advertisement

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ वैक्सीन या दवा की खोज पर हर दिन नई बातें सामने आ रही हैं. अब अमेरिका में रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा का कोरोना मरीजों पर अच्छा परिणाम देखने को मिला है. इबोला वायरस के खिलाफ सबसे पहले टेस्ट किए गए इस एंटीवायरल दवा को एक्सपर्ट पॉजिटिव तरीके से देख रहे हैं.

दुनियाभर के 75 अस्पतालों में 1000 से ज्यादा गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के ऊपर किए गए दवा के ट्रायल के डेटा के आधार पर कहा गया है कि इससे प्लेसेबो दवा के मुकाबले 31 फीसदी ज्यादा तेजी से सुधार हुआ है. इसके अलावा रेमडेसिवीर दवा की रिकवरी टाइम 15 दिनों के बदले 11 दिन है.

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फार्मा कंपनी Gilead की बनाई गई यह दवा कोरोना वायरस के इलाज के लिए नहीं है और इसका परिणाम और अधिक ट्रायल के बाद ही पता चल सकता है लेकिन उनका यह भी मानना है कि गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए दूसरी दवाओं के साथ मिलाकर इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद हो सकता है. दुनियाभर के कई अस्पतालों में इसका इलाज चल रहा है.

हालांकि इस दवा का पहले चीन में गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इस्तेमाल हुआ था, जिसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. लेकिन दवा बनाने वाली कंपनी Gilead ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.

अब इसका नया ट्रायल अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीजेस (NIAID) की तरफ से किया गया. बुधवार को एक उच्च अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एंथनी फॉकी ने तेजी से दिखने वाले सुधार को 'अच्छी खबर' बताया है.

“इससे साबित होता है कि एक दवा इस वायरस को रोक सकता है. यह (रेमडेसिवीर) एक मानक हो सकता है.”
फॉकी ने कहा

फार्मा कंपनी Gilead ने भी कहा है कि रेमडेसिवीर के तीसरे चरण के ट्रायल में भी सकारात्मक नतीजे आए हैं.

रेमडेसिवीर दवा के ट्रायल जारी

इस एंटीवायरल दवा को Gilead Sciences ने बनाया है. इस दवा को इबोला के खिलाफ टेस्ट किया गया था, जिसमें यह लगभग नाकाम रही थी. कुछ दिनों पहले COVID-19 के मरीजों पर इस दवा के एक ट्रायल की अगुवाई कर रही डॉक्टर कैथलीन ने STAT न्यूज को बताया, ''सबसे अच्छी खबर ये है कि हमारे बहुत से मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं.'' डॉक्टर कैथलीन यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में संक्रामक बीमारियों की स्पेशलिस्ट हैं. दुनियाभर में इस दवा के और भी क्लिनिकल ट्रायल्स जारी हैं.

यह दवा लिक्विड के रूप में आती है, जिसे नसों के जरिए मरीज के शरीर में पहुंचाया जाता है. ऐसे में इससे इलाज के लिए मरीज को लगातार कई दिन (विशेषज्ञों के मुताबिक10 दिन तक) हॉस्पिटल या क्लिनिक जाना पड़ सकता है/वहां रहना पड़ सकता है.

दवा पर भारत की राय

भारत में इस दवा का इस्तेमाल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अप्रूवल पर भी निर्भर करता है. ICMR ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वह कोविड-19 के मरीजों के इलाज में रेमडेसिवीर दवा के उपयोग करने पर विचार करेगी अगर घरेलू कंपनियां इस दवा का उत्पादन करे.

ICMR के प्रमुख वैज्ञानिक रमन गंगाखेडकर ने कहा था, 'एक स्टडी के मुताबिक, यह दवा प्रभावी है. हम WHO के ट्रायल नतीजों का इंतजार करेंगे और यह भी देखना है कि क्या कुछ और कंपनी भी इस पर आगे काम कर सकती हैं.'

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 30 Apr 2020,09:07 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT