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ब्रिटेन में कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 71 और कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या करीब 2000 तक पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन को “युद्धकालिक” सरकार के तौर पर काम करना होगा और देश की अर्थव्यवस्था की मदद के लिये जो भी करना हो करे.
लंदन इस महामारी के लिये बड़ा केंद्र बन रहा है जहां ब्रिटेन के विभिन्न हिस्सों में वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से फैल रहे हैं. ब्रिटिश सरकार ने सभी को सलाह दी है कि वे गैर जरूरी सामाजिक संपर्क और यात्रा से बचें फिर चाहे वे घरेलू हों या अंतरराष्ट्रीय.
जॉनसन की टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब भारत ने ब्रिटेन से आने वाले लोगों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. लंदन में भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटेन में सभी भारतीयों के लिये एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली शुरू की है जो भारत वापस जाना चाहते हैं और अपने वीजा को लेकर चिंतित हैं. उच्चायोग ने कहा कि वह “सभी चिंताओं के निराकरण” के लिये काम कर रहा है.
कोरोनावायरस के प्रसार के मद्देनजर भारत ने सोमवार को यूरोप, तुर्की और ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के देश में प्रवेश पर 18 मार्च से 31 मार्च तक प्रतिबंध लगा दिया था.
जॉनसन ने इस महामारी को लेकर 10 डाउनिंग स्ट्रीट से की जाने वाली अपनी दैनिक ब्रीफिंग में मंगलवार को कहा, “हमनें जो कदम उठाए उनकी घोषणा की है-लोगों को अनावश्यक संपर्क से बचने की सलाह दी है- ऐसे कदम द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से नहीं उठाए गए. इनका बीमारी के प्रसार पर असर होगा.” ब्रिटेन में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 71 हो गई है और इनमें से आधे आंकड़े अकेले लंदन से हैं. संक्रमित लोगों की संख्या की बात करें तो सोमवार को यहां मामले 407 से बढ़कर 1950 हो गए. यह अब तक एक दिन में हुआ सबसे बड़ा इजाफा है.
उन्होंने कहा, “हमें किसी युद्धकालिक सरकार की तरह काम करना होगा और अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये जो कुछ संभव हो करना होगा.”
वहीं भारतीय मूल के वित्त मंत्री ऋषि सुनाक ने संकट के इस दौर में कारोबार को बचाए रखने के लिये 330 अरब पाउंड के प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया है.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि कानून तभी इस्तेमाल किया जाएगा जब वायरस के प्रभाव से निपटने के लिये यह “नितांत आवश्यक” हो जाएगा.
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