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दुनिया को हैकरों और आंकड़ों के उल्लंघन से बचाने के लिए World Economic Forum ने बुधवार को साइबर सिक्योरिटी के लिए एक नए ग्लोबल सेंटर की घोषणा की. इस सेंटर का हेडक्वॉर्टर जेनेवा में होगा और ये मार्च से काम करने लगेगा.
यहां एक पैनल चर्चा के दौरान डब्ल्यूईएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर एलोइस ज्विंगी ने कहा, "साइबर सुरक्षा हमारे समय की सबसे बड़ी जरूरत है. हमें साइबर अपराधियों को हराने के लिए एक मंच की सख्त जरूरत है. यह केंद्र इस उद्देश्य को हासिल करने में सभी हितधारकों को एक साथ लाने में मदद करेगा."
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के दूसरे दिन डावोस में कई मुद्दों पर सम्मेलन का आयोजन हुआ. फेक न्यूज जैसे मुद्दे को भी खास जगह दी गई. सोशल मीडिया के इस दौर में फेक न्यूज को WEF पैनल ने बड़ी चुनौती बताया. फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म आने के बाद खबरों को शेयर करने और कंज्यूम करने के अंदाज में तेजी से बदलाव आया है. ऐसे में यूजर्स के लिए सबसे बड़ी समस्या ये पता लगाना बन गया है कि कौन सी खबर सच्ची है और कौन सी झूठी. समिट में फेक न्यूज के राजनीति पर असर पर भी बातचीत की गई.
वहीं अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा ने अपने अनुभवों के जरिए दुनिया में ई-कॉमर्स के भविष्य और चुनौतियों के बारे में बताया. इस दौरान कई देशों से आए प्रतिनिधि चर्चा में शामिल हुए.
सम्मेलन के दूसरे दिन जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने भी दुनिया को इस मंच से संबोधित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डावोस में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की भविष्य की गतिविधियों पर अपना ‘विजन' पेश किया. इस दौरान पीएम मोदी ने दुनिया को तीन चुनौतियों से आगाह किया. जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और संरक्षणवाद.
प्रधानमंत्री के भाषण की खास बातें:
स्विट्जरलैंड के डावोस में पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की भविष्य की गतिविधियों पर अपना ‘विजन' पेश कर रहे हैं . जानते हैं पीएम के भाषण की खास बातें
- वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने आर्थिक और राजनीतिक चिंतन से जोड़ा ये बहुत अहम है
- डावोस में आखिरी बार भारत के पीएम की यात्रा 1997 में हुई थी
- 1997 में दैवगोड़ा जी यहां आए थे
- 1997 से देश की अर्थव्यवस्था 6 गुना बढ़ी.
- तकनीक को जोड़ने, तोड़ने, मोड़ने का प्रयोग सोशल मीडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से बड़ा खतरा है आतंकवाद में बुरे और अच्छे आतंक का भेद बताना सबसे बड़ा खतरा है.
स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने अपने स्पीच में लगातार बदलते जलवायु को सबसे बड़ी चुनौतियों में गिनाया. उन्होंने कहा कि दुनिया को मिलकर इस बड़ी समस्या से जूझना होगा और इसके लिए सबकी भागेदारी की जरूरत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच (WEF) की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए डावोस में हैं. सोमवार को पीएम ने स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.
पीएम ने ट्वीट किया ‘‘डावोस पहुंचने पर मैंने स्विस कन्फेडरेशन के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से बातचीत की. हमने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा की तथा इसे और मजबूत बनाने पर चर्चा की.”
स्विस राष्ट्रपति बर्सेट ने कहा ,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियों के सीईओ के साथ राउंड टेबल मीटिंग में हिस्सा लिया. पीएम ने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत दुनिया की 5वीं सबसे आकर्षक इकनॉमी है.
प्रधानमंत्री वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने दावोस के लिए रवाना हो गए हैं. मोदी दावोस में मुख्य कार्यक्रम के तहत 23 जनवरी को पूर्ण सत्र में भाषण देंगे. पीएम मोदी मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिषद के 120 सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे जो डब्ल्यूईएफ का एक हिस्सा है.
वो इसके अलावा भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से अलग से भी बातचीत करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग पर दुनियाभर की नजरें होंगी. अगर ट्रंप इस समिट में आते हैं तो 18 सालों में ऐसा पहली बार होगा जब अमेरिका के राष्ट्रपति वैश्विक आर्थिक नेताओं की सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे.
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अपने कैबिनेट के कई मंत्रियों के साथ इस सम्मलेन में शामिल हो सकते हैं. साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति एम्मानुएल मैक्रॉन ने शामिल होने की घोषणा कर दी है.
WEF समिट में इस बार काफी तादाद में भारतीयों की मौजूदगी होगी. इसमें रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी, चंदा कोचर, समेत कई कंपनियों के सीईओ का नाम शामिल है. बॉलीवुड स्टार शाहरुख को क्रिस्टल अवॉर्ड दिया जाएगा वहीं करण जौहर भी इस सम्मेलन में पहुंचेगे.
सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के शामिल होने की भी संभावना है. साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी इसमें भाग लेंगे.
डावोस में प्रधानमंत्री मोदी भारत की तेज रफ्तार वृद्धि, मौजूदा बेशुमार अवसरों, विश्व बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारतीय रैंकिंग जिसने 30 से 100 की ऊंची छलांग लगाई, दुनिया के निवेशकों के सामने रखेंगे. शायद ये भी बताएं कि भारत में निवेश और व्यवसाय पहले से काफी आसान हुआ है.
नौकरशाही और लालफीताशाही में काफी कमी आई है तथा जीएसटी और दूसरे आर्थिक सुधारों के कारण आने वाले सालों में भारत टॉप 50 देशों में पहुंच जाएगा. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी व्यवसायों, उद्योगों को मजबूत करने के लिए अपने 'अमेरिका फर्स्ट' के एजेंडे को बढ़ावा देंगे.
ये 1971 में शुरू हुआ था. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वेबसाइट के मुताबिक ‘ये संस्था दुनिया की हालत में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है.’ हर साल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक खास थीम होती है. इस साल की थीम ‘क्रिएटिंग ए शेयर्ड फ्यूचर इन ए फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ यानी बंटी हुई दुनिया के लिए साझा भविष्य का निर्माण है.
इस बार की मीटिंग की एक और खास बात यह है कि इसकी अध्यक्षता 7 महिलाएं करेंगी. इनमें भारत से मान देशी फाउंडेशन की अध्यक्ष चेतना सिन्हा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की क्रिस्टीन लगार्ड और नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग भी शामिल हैं.
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