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WEF साइबर सिक्योरिटी सेंटर खोलेगा, समिट के दूसरे दिन की खास बातें

23 से 26 जनवरी तक 48वां वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम समिट होने जा रहा है, डावोस में होने वाले इस सम्मेलन की हर बात यहां जानिए

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400 से अधिक बैठकों के होने वाले दौर में 100 से ज्यादा देशों के 2500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे
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400 से अधिक बैठकों के होने वाले दौर में 100 से ज्यादा देशों के 2500 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे
(फोटो: Reuters)

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साइबर सुरक्षा के लिए सेंटर खोलेगा WEF

दुनिया को हैकरों और आंकड़ों के उल्लंघन से बचाने के लिए World Economic Forum ने बुधवार को साइबर सिक्योरिटी के लिए एक नए ग्लोबल सेंटर की घोषणा की. इस सेंटर का हेडक्वॉर्टर जेनेवा में होगा और ये मार्च से काम करने लगेगा.

यहां एक पैनल चर्चा के दौरान डब्ल्यूईएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर एलोइस ज्विंगी ने कहा, "साइबर सुरक्षा हमारे समय की सबसे बड़ी जरूरत है. हमें साइबर अपराधियों को हराने के लिए एक मंच की सख्त जरूरत है. यह केंद्र इस उद्देश्य को हासिल करने में सभी हितधारकों को एक साथ लाने में मदद करेगा."

फेक न्यूज, ई-कॉम समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा

वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के दूसरे दिन डावोस में कई मुद्दों पर सम्मेलन का आयोजन हुआ. फेक न्यूज जैसे मुद्दे को भी खास जगह दी गई. सोशल मीडिया के इस दौर में फेक न्यूज को WEF पैनल ने बड़ी चुनौती बताया. फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म आने के बाद खबरों को शेयर करने और कंज्यूम करने के अंदाज में तेजी से बदलाव आया है. ऐसे में यूजर्स के लिए सबसे बड़ी समस्या ये पता लगाना बन गया है कि कौन सी खबर सच्ची है और कौन सी झूठी. समिट में फेक न्यूज के राजनीति पर असर पर भी बातचीत की गई.

वहीं अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा ने अपने अनुभवों के जरिए दुनिया में ई-कॉमर्स के भविष्य और चुनौतियों के बारे में बताया. इस दौरान कई देशों से आए प्रतिनिधि चर्चा में शामिल हुए.

सम्मेलन के दूसरे दिन जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने भी दुनिया को इस मंच से संबोधित किया.

भारत में हम रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं: पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डावोस में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की भविष्य की गतिविधियों पर अपना ‘विजन' पेश किया. इस दौरान पीएम मोदी ने दुनिया को तीन चुनौतियों से आगाह किया. जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और संरक्षणवाद.

प्रधानमंत्री के भाषण की खास बातें:

  • भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ राजनीतिक व्यवस्था नहीं जीवन दर्शन और जीवन शैली है
  • हम भारतीय जानते हैं कि विविधता की एकता में लोकतंत्र का बड़ा महत्व है
  • 125 करोड़ से अधिका भारतीयों के सपने और आकांक्षाओं को हकीकत बनाने का प्लेटफॉर्म देता है लोकतंत्र
  • भारत के करोड़ों मतदाताओं ने 30 साल बाद पहली बार किसी एक राजनीतिक पार्टी को सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत दिया है
  • हमने सबसे विकास का संकल्प किया, मेरी सरकार का मोटो है सबका साथ, सबका विकास
  • हमारा मिशन समावेशी है, समावेशी दर्शन मेरी सरकार की हर नीति और योजना का आधार
  • करोड़ों लोगों के लिए पहली बार बैंक खाते खुलाकर फाइनेंशियल इनक्लूजन
  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सभी में समावेशी दर्शन है
  • हम सामाजिक और आर्थिक नीतियों में बड़े बदलाव कर रहेह ैं
  • रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं
  • निवेश के लिए सुगमता बनाने में हमारा कोई सानी नहीं है
  • भारत में निवेश, यात्रा, मैन्युफैक्चरिंग, काम करना, भारत से एक्सपोर्ट करना सब कुछ पहले के मुकाबले आसान हो गया है
  • हमने लाइसेंस परमिट राज को जड़ से समाप्त कर रहे हैं
  • रेड टेप की जगह रेड कार्पेट बिछा रहे हैं, एफडीआई निवेश 90 परसेंट सेक्टर में आ गया है
  • 1400 से अधिक पुराने कानून बिजनेस, प्रशासन में अड़चन डाल रहे थे उन्हें खत्म कर दिया गया है
  • दुनिया के सामने शांति, स्थिरता, सुरक्षा जैसे विषय को लेकर नई और गंभीर चुनौतियों का अनुभव कर रहे हैं
  • जोड़ने, मोड़ने और तोड़ने तीनों का प्रयोग सोशल मीडिया कर रहा है
  • डेटा से सबसे बड़े अवसर बन रहे हैं और सबसे बड़ी चुनौतियां भी इसी से है
  • डेटा को जो काबू में करेगा वही भविष्य पर अपना वर्चस्व बनाएगा
  • साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी और गंभीर होती जा रही है
  • भारत में democracy, demography और dynamism मिल कर development को साकार कर रहे हैं, destiny को आकार दे रहे हैं
  • 70 साल के स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देश में एक एकीकृत कर व्यवस्था goods and service tax – GST - के रूप में लागू कर ली गई है. पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए हम technology का इस्तेमाल कर रहे हैं:
  • हम मानते हैं कि प्रगति तभी प्रगति है, विकास तभी सच्चे अर्थों में विकास है जब सब साथ चल सकें

प्रधानमंत्री के भाषण की खास बातें

स्विट्जरलैंड के डावोस में पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की भविष्य की गतिविधियों पर अपना ‘विजन' पेश कर रहे हैं . जानते हैं पीएम के भाषण की खास बातें

-  वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने आर्थिक और राजनीतिक चिंतन से जोड़ा ये बहुत अहम है

- डावोस में आखिरी बार भारत के पीएम की यात्रा 1997 में हुई थी

- 1997 में दैवगोड़ा जी यहां आए थे

- 1997 से देश की अर्थव्यवस्था 6 गुना बढ़ी.

- तकनीक को जोड़ने, तोड़ने, मोड़ने का प्रयोग सोशल मीडिया

दुनिया के सामने 3 बड़े खतरे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से बड़ा खतरा है आतंकवाद में बुरे और अच्छे आतंक का भेद बताना सबसे बड़ा खतरा है.

  • आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है गुड टैररिस्ट और बैड टैररिस्ट के बीच बनाया गया भेद
  • पढ़े लिखे संपन्न युवाओं का कट्टरपंथी होना भी बहुत बड़ी चुनौती है
  • तीसरी चुनौती है-  बहुत से देश आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं, ग्लोबालाइजेशन सिकुड़ता जा रहा है
  • ये भी बहुत बड़ी चुनौती है, हर कोई इंटरकनेक्टेड विश्व की बात करता है, पर ग्लोबलाइजेशन की चमक धीरे धीरे कम होती जा रही है
  • संयुक्त राष्ट्र के आदर्श अभी भी सर्वमान्य हैं, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन भी उपयोगी है

1997 वाला विषय अब सदियों पुराना लगता है: पीएम मोदी

  • 1997 वाला विषय अब सदियों पुराना लगता है.
  • 2018 में दुनिया बहुत बदल गई है, टेक्नोलॉजी बदल गई है, ब्रेक्जिट नहीं था
  • 1997 में किसी ने ओसामा बिन लादेन का नाम नहीं सुना था, ना हैरी पॉटर का नाम सुना था
  • 1997 में गूगल का अवतार भी नहीं हुआ था और अमेजन ढूंढते तो नदियां मिलती
  • दो दशकों के बाद हमारा विश्व और हमारा समाज बहुत जटिल नेटवर्क का हिस्सा है
  • डावोस तब भी अपने जमाने से आगे था और आज भी डावोस अपने समय से आगे है
  • इस साल का विषय दरारों से भरे विश्व में साझां भविष्य का निर्माण डावोस का विषय है

डेटा पर काबू करने वाला ही भविष्य पर काबू कर पाएगा

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जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती: स्विस राष्ट्रपति

स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने अपने स्पीच में लगातार बदलते जलवायु को सबसे बड़ी चुनौतियों में गिनाया. उन्होंने कहा कि दुनिया को मिलकर इस बड़ी समस्या से जूझना होगा और इसके लिए सबकी भागेदारी की जरूरत है.

स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच (WEF) की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए डावोस में हैं. सोमवार को पीएम ने स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.

पीएम ने ट्वीट किया ‘‘डावोस पहुंचने पर मैंने स्विस कन्फेडरेशन के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से बातचीत की. हमने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा की तथा इसे और मजबूत बनाने पर चर्चा की.”

स्विस राष्ट्रपति बर्सेट ने कहा ,

यह चर्चा दुनिया के सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों की मुलाकात दर्शाती है. मोदी का आभार जताते हुए स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति ने कहा कि वह भारत के साथ ‘‘हमारे संबंध’’ और मजबूत करना जारी रखेंगे.

वैश्विक कंपनियों के सीईओ से मिले मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियों के सीईओ के साथ राउंड टेबल मीटिंग में हिस्सा लिया. पीएम ने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत दुनिया की 5वीं सबसे आकर्षक इकनॉमी है.

पीएम मोदी डावोस के लिए रवाना

प्रधानमंत्री वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने दावोस के लिए रवाना हो गए हैं. मोदी दावोस में मुख्य कार्यक्रम के तहत 23 जनवरी को पूर्ण सत्र में भाषण देंगे. पीएम मोदी मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिषद के 120 सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे जो डब्ल्यूईएफ का एक हिस्सा है.

वो इसके अलावा भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से अलग से भी बातचीत करेंगे.

ट्रंप-मोदी की मुलाकात पर दुनिया की नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग पर दुनियाभर की नजरें होंगी. अगर ट्रंप इस समिट में आते हैं तो 18 सालों में ऐसा पहली बार होगा जब अमेरिका के राष्ट्रपति वैश्विक आर्थिक नेताओं की सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे.

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अपने कैबिनेट के कई मंत्रियों के साथ इस सम्मलेन में शामिल हो सकते हैं. साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति एम्मानुएल मैक्रॉन ने शामिल होने की घोषणा कर दी है.

सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल काफी बड़ा होगा

WEF समिट में इस बार काफी तादाद में भारतीयों की मौजूदगी होगी. इसमें रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी, चंदा कोचर, समेत कई कंपनियों के सीईओ का नाम शामिल है. बॉलीवुड स्टार शाहरुख को क्रिस्टल अवॉर्ड दिया जाएगा वहीं करण जौहर भी इस सम्मेलन में पहुंचेगे.

सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के शामिल होने की भी संभावना है. साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी इसमें भाग लेंगे.

डावोस में पीएम किन-किन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं

डावोस में प्रधानमंत्री मोदी भारत की तेज रफ्तार वृद्धि, मौजूदा बेशुमार अवसरों, विश्व बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारतीय रैंकिंग जिसने 30 से 100 की ऊंची छलांग लगाई, दुनिया के निवेशकों के सामने रखेंगे. शायद ये भी बताएं कि भारत में निवेश और व्यवसाय पहले से काफी आसान हुआ है.

नौकरशाही और लालफीताशाही में काफी कमी आई है तथा जीएसटी और दूसरे आर्थिक सुधारों के कारण आने वाले सालों में भारत टॉप 50 देशों में पहुंच जाएगा. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी व्यवसायों, उद्योगों को मजबूत करने के लिए अपने 'अमेरिका फर्स्ट' के एजेंडे को बढ़ावा देंगे.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और इस साल के थीम के बारे में

ये 1971 में शुरू हुआ था. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वेबसाइट के मुताबिक ‘ये संस्था दुनिया की हालत में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है.’ हर साल वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक खास थीम होती है. इस साल की थीम ‘क्रिएटिंग ए शेयर्ड फ्यूचर इन ए फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ यानी बंटी हुई दुनिया के लिए साझा भविष्य का निर्माण है.

इस बार की मीटिंग की एक और खास बात यह है कि इसकी अध्यक्षता 7 महिलाएं करेंगी. इनमें भारत से मान देशी फाउंडेशन की अध्यक्ष चेतना सिन्हा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की क्रिस्टीन लगार्ड और नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग भी शामिल हैं.

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Published: 17 Jan 2018,07:25 PM IST

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