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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से बातचीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया - “मेरे मित्र जस्टिन ट्रूडो का फोन आने पर खुशी हुई. उन्हें आश्वासन दिया कि कनाडा ने कोविड वैक्सीन की जितनी खुराकों की मांग की है, उसकी सप्लाई पूरी तरह सुनिश्चित करने के लिए भारत सभी प्रयास करेगा.'' हालांकि, कनाडा के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने वैक्सीन की ‘पहुंच’ की दिशा में काम करने पर सहमति जताई. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कनाडा को हमसे वैक्सीन की जरूरत है भी? शायद नहीं.
कनाडा ने कितनी वैक्सीन की बुकिंग की है?
कनाडा उन देशों में शामिल था जिसने फाइजर बायोटेक वैक्सीन को सबसे पहले मंजूरी दी थी. ब्लूमबर्ग के आर्टिकल के मुताबिक कनाडा ने दूसरे किसी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा वैक्सीन बुक की हैं. कनाडा ने जितनी वैक्सीन बुक की हैं उतनी वैक्सीन से पूरे कनाडा की आबादी को चार बार टीका दिया जा सकता है.
कनाडा ने किन वैक्सीन को मंजूरी दी है?
कनाडा हेल्थ रिलीज के मुताबिक फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन को कनाडा में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. अभी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का आवेदन आखिरी चरण में है. कनाडा में अभी जॉनसन एंड जॉनसन और नोवैक्सीन की भी जांच चल रही है.
रॉयटर्स के मुताबिक कनाडा की एक प्राइवेट फार्मा कंपनी ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन तैयार करने के लिए करार किया है.
वैक्सीन बांटने के मामले में कनाडा कहां है?
जब इन आंकड़ों को देखते हैं और स्थिति और उलझती जाती है. कनाडा उन शुरुआती देशों में था जहां सबसे पहले वैक्सीनेशन शुरु हुआ. वैक्सीन बांटने को लेकर अभी कनाडा की रैंकिंग 17वीं है. ये विकसित देशों में काफी नीचे है. ब्लूमबर्ग के वैक्सीन ट्रैकर के मुताबिक कनाडा ने अपनी जनसंख्या के 1.7 % लोगों को वैक्सीन का कम से कम एक शॉट दे दिया है. वहीं अमेरिका ने 10.5 %, यूके 19.5 %, इजराइल 40.3 % लोगों को वैक्सीन का कम से कम एक शॉट दे दिया है.
भारत की तुलना में कनाडा कहां खड़ा है?
भारत ने ऑक्सफोर्ड और भारत बायोटेक वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी. वैक्सीनेशन का काम जनवरी में शुरु हो सका. भारत में अभी तक करीब 74 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. वहीं कनाडा में सिर्फ 11 लाख लोगों को ही वैक्सीन दी गई है. भारत वैक्सीनेशन की रैंकिंग में 5वें नंबर पर है. वहीं कनाडा 17वें नंबर पर है.
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