advertisement
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि 2016 में चुनावों के पहले नवंबर में ओबामा प्रशासन ने उनके न्यूयॉर्क ऑफिस की फोन टेपिंग की थी. ट्रंप ने इस कथित टेपिंग की तुलना कुख्यात वॉटरगेट स्कैंडल से की है.
वहीं बराक ओबामा के प्रवक्ता केविन लेविस ने इन आरोपों को निराधार करार दिया है. उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन ने कभी किसी अमेरिकी नागरिक की फोन टेपिंग नहीं की है.
साल 1952. अमेरिका में रिपब्लिकन ड्वाइट डी आइशनहॉवर राष्ट्रपति चुने गए. उन्होंने एक 39 साल के युवा नेता को उपराष्ट्रपति बनाया. अमेरिकी राजनीति के इस उभरते सितारे का नाम था रिचर्ड मिल्हस निक्सन.
1960 में यही निक्सन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़े. लेकिन जॉन एफ कैनेडी ने उन्हें मात दे दी. निक्सन राजनीति में इंतजार की अहमियत समझते थे. 1968 के चुनावों में एक बार फिर निक्सन ने राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल कर ली.
इस बार अमेरिका की जनता और किस्मत दोनों ही निक्सन पर मेहरबान थीं. दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के 35 वें राष्ट्रपति के रूप में जनवरी,1969 में निक्सन की ताजपोशी हो गई.
फिर आया साल 1972. उस समय निक्सन की विरोधी, डेमोक्रेटिक पार्टी का कार्यालय वाशिंगटन की ‘वॉटरगेट’ नाम की बिल्डिंग में हुआ करता था.17 जून 1972 की सुबह बिल्डिंग में चोरी करने की मंशा से घुसे कुछ चोरों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन ये कोई चलते- फिरते चोर नहीं थे.
दरअसल इनका संबंध निक्सन के चुनाव कैंपेन से था. चोरों को ऑफिस में सीक्रेट दस्तावेज चुराने के साथ-साथ वॉयर-टेपिंग करते हुए पकड़ा गया था.
वांशिगटन पोस्ट ने मामले को ठंडा नहीं पड़ने दिया. इसके लिए रिपोर्टिंग करने वाले बॉब वुलवर्ड और कार्ल बर्नस्टीन ने व्हाइट हाउस के काले कारनामों को लगातार उजागर करना जारी रखा.
जांच बैठाई गई जिसमें निक्सन दोषी पाए गए. 1974 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. ऐसा अमेरिकी इतिहास में पहली और अभी तक आखिरी बार ही हुआ है. उनके बाद गेराल्ड फोर्ड राष्ट्रपति बने जिन्होंने निक्सन को उनके गुनाहों के लिए माफी दे दी.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)