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ट्रंप की धमकी, कहा-4 नवंबर के बाद ईरान से तेल खरीदा तो ‘देख लेंगे’

ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर

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ट्रंप की धमकी
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ट्रंप की धमकी
(फोटो: Reuters)

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ईरान से तेल नहीं खरीदने के लिए अमेरिका अब दूसरे देशों को धमकी देने लगा है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि 4 नवंबर के बाद अगर कोई देश ईरान से कच्चा तेल खरीदता है तो वो कड़ा कदम उठाने के लिए तैयार हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से कच्चा तेल इंपोर्ट नहीं रोकने वाले देशों को देख लेने की धमकी दी है. भारत और चीन जैसे बड़े देश ईरान से कच्चा तेल खरीदते हैं ऐसे में जब डोनाल्ड ट्रंप से भारत और चीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें भी देखेंगे.’’

ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर

बता दें कि ईरान इराक और सऊदी अरब के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर है. इसी को देखते हुए भारत चार नवंबर के बाद भी ईरान से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा. इसके अलावा ट्रंप की धमकी से ठीक पहले भारत उन्‍होंने दो भारतीय रिफाइनरीज ने ईरान से कच्‍चे तेल के इंपोर्ट के लिए ऑर्डर दिए हैं.

2017-18 के पहले दस महीनों में यानी अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2018 के बीच ईरान से भारत ने 18.4 मिलियन टन कच्चा तेल खरीदा है. ऐसे में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ईरान, भारत के लिए बेहद जरूरी है.

ईरान से भारत के तेल की खरीद जारी रखने के सवाल पर अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा कि यह मददगार नहीं है.

ईरान से कच्चे तेल का आयात पूरी तरह बंद करने के लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से तय चार नवंबर की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही भारत से बातचीत करने के लिए अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक इसी हफ्ते नयी दिल्ली आ रहे हैं. ईरान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ईरान के प्रति अमेरिकी विदेश नीति पर चर्चा के लिए भारत के अलावा यूरोप की भी यात्रा करेंगे.

इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह उम्मीद करता है कि सभी सहयोगी देश चार नवंबर तक ईरान से कच्चे तेल की खरीद बंद कर देंगे या फिर दंडात्मक प्रतिबंधों के लिए तैयार रहें.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, जुलाई, 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थाई सदस्यों के बीच न्यूक्लियर समझौता हुआ था. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा ने समझौते के तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के बदले में बैन से राहत दी थी. लेकिन मई, 2018 में ईरान पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ये समझौता तोड़ दिया. ट्रंप ने ईरान में कारोबार कर रही विदेशी कंपनियों को निवेश बंद करने के लिए कहा. अमेरिका ने भारी जुर्माने की भी धमकी दी और ईरान से कच्चे तेल की खरीदने वाले देशों को 4 नवंबर तक इम्पोर्ट बंद करने को कहा.

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