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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में अपनी पार्टी की हार के बाद आगबबूला हैं. गुस्से में उन्होंने अपनी सरकार के अटॉर्नी जनरल जेफ सेशन को हटा दिया. ट्रंप कह रहे हैं कि अगर उनके खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस से मिलीभगत के मामले में जांच की कोशिश की गई तो वह सबको देख लेंगे.
ट्रंप मूडी हैं और थोड़ी से नाराजगी के बाद अपने मंत्रियों या अधिकारियों की छुट्टी करने में देर नहीं करते. कई लोगों के लिए उनके मिजाज से मेल बिठाना मुश्किल होता है. ऐसे लोग खुद ही इस्तीफा दे देते हैं. आइए देखते हैं सेशन से पहले किन-किन मंत्रियों और अधिकारियों को उन्होंने हटा दिया और उन्होंने खुद ही ट्रंप प्रशासन से किनारा कर लिया.
इस साल नौ अक्टूबर को भारतीय मूल की निकी हेली ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत का पद छोड़ दिया. कहा जा रहा है कि उन्होंने ट्रंप से नाराज होकर यह पद नहीं छोड़ा लेकिन सच ये है कि वह राष्ट्रपति के तौर-तरीके से खुश नहीं थीं. कहा यह भी जा रहा है कि 2020 में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव में उतरने की तैयारी के लिए उन्होंने यह पद छोड़ा है.
एफबीआई के डायरेक्टर रहे कोमे ट्रंप और रूस की मिलीभगत की जांच का नेतृत्व कर रहे थे. लेकिन सत्ता में आते ही ट्रंप ने उन्हें निकाल बाहर किया. इसे ट्रंप का सबसे विवादास्पद फैसला माना गया. ट्रंप ने कहा कि रूस की कहानी मनगढ़ंत हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी जीत नहीं पाई तो ऐसी अफवाह फैला रही है.
अटॉर्नी जनरल सेली येट्स ने ट्रंप की ओर से लाए गए इमिग्रेशन बैन कानून को लागू करने से इनकार कर दिया था. ट्रंप ने कहा कि येट्स आप्रवासियों पर पाबंदी लगाने वाले कानून को लागू न करवा कर अमेरिका के साथ गद्दारी कर रही हैं.
इस साल फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन ने इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने खुलासा किया था कि रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में उनकी रूसी राजदूत से बात हुई थी. इस पर उनसे इस्तीफा ले लिया गया था. उनके समर्थकों का कहना था कि प्रतिबंध पर बात करने भर से फ्लिन का रूसी ब्लैकमेल नहीं कर लेंगे.
नामी वकील प्रीत भरारा को मार्च में ट्रंप ने हटा दिया. दरअसल भरारा ने ट्रंप के कहने पर इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. न्यूयॉर्क साउथ डिस्ट्रिक्ट के अटॉर्नी भरारा वॉल स्ट्रीट का गड़बड़ियों के खिलाफ लोहा ले चुके थे. आतंकवाद और राजनीतिक मकसद से गलत फैसलों का भी वो विरोध कर चुके थे. कहा जा रहा था कि ट्रंप को डर था कि भरारा बिजनेस में उनकी कथित गड़बड़ियों का खुलासा कर सकते थे.
यूएस ऑफिस ऑफ गवर्नमेंट एथिक्स के प्रमुख वॉल्टर शॉब जुलाई में पांच साल पूरे होने से पहले ही हट गए. बराक ओबामा और जॉर्ज बुश के शासन में काम कर चुके हैं और ट्रंप की बिजनेस नीतियों के खिलाफ रहे हैं. उनका कहना है कि ट्रंप के बिजनेस और उनके राष्ट्रपति होने में हितों का संघर्ष है.
अमेरिकी के टॉप इकोनॉमिक एडवाइजर गेरी कॉन की सलाह से ट्रंप खफा थे. नेशनल इकनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर कॉन अमेरिका में स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर टैरिफ लगाने के खिलाफ थे. लेकिन ट्रंप कॉन की सुनने को राजी नहीं थे. तनाव इतना बढ़ा कि कॉन ने इस्तीफा दे दिया.
विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को इस साल 13 मार्च को व्हाइट हाउस से चलता कर दिया गया. ट्रंप ने सिर्फ एक ट्वीट करके इस फैसले की जानकारी दे दी. उन्होंने लिखा कि टिलरसन को हटाया जा रहा है उनकी जगह सीआईए के डायरेक्टर माइको पोम्पियो लेंगे.
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