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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा इम्पीचमेंट ट्रायल शुरू होने जा रहा है. ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव ने दो बार इम्पीच किया है. वो पहले पूर्व राष्ट्रपति होंगे जिन पर सीनेट में ट्रायल चलेगा. इम्पीचमेंट ट्रायल लगभग एक हफ्ते चलने की उम्मीद है.
ट्रंप को इससे पहले हाउस ने दिसंबर 2019 में इम्पीच किया था. हालांकि, फरवरी 2020 में सीनेट ट्रायल में ट्रंप को दोषमुक्त कर दिया गया था. उस समय ट्रायल शुरू होने से पहले ही उसके नतीजे का अंदाजा लग गया था. लेकिन इस बार हालात बदल चुके हैं.
13 जनवरी 2021 को हाउस ने डोनाल्ड ट्रंप को एक ही आरोप पर इम्पीच किया था - 'विद्रोह के लिए उकसाना'. ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 6 जनवरी को यूएस कैपिटल पर हुए हमले को बढ़ावा दिया था.
6 जनवरी को यूएस कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिकी संसद ने इलेक्टोरल वोट की गिनती की थी. इस दौरान ट्रंप समर्थकों की भीड़ ने बिल्डिंग पर हमला बोल दिया था.
डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने 8 फरवरी को 78 पन्नों का ब्रीफ दाखिल किया था. इसमें ट्रंप के बचाव में दिया गया मुख्य तर्क है कि 'उन पर ट्रायल नहीं चलना चाहिए क्योंकि वो अब पद पर नहीं हैं.' ट्रंप ने सीनेट से उन्हें बरी करने की अपील की है.
ट्रायल प्रक्रिया 9 फरवरी से ही शुरू हो जाएगी. सबसे पहले सीनेट करीब चार घंटे लंबी बहस इस बात पर करेगी कि ट्रायल 'संवैधानिक' है या नहीं. बहस के बाद सीनेट में इसके लिए वोट किया जाएगा. ट्रायल में आगे बढ़ने के लिए मामूली बहुमत चाहिए, जो कि डेमोक्रेट्स को आसानी से मिलने की उम्मीद है.
इसके बाद 10 फरवरी से हाउस इम्पीचमेंट मैनेजर अपने तर्क रखने शुरू करेंगे. फिर ट्रंप के वकीलों का नंबर आएगा. दोनों पक्षों को अपनी बात रखने के लिए 16 घंटे मिलेंगे.
वर्मोंट से डेमोक्रेटिक सीनेटर पैट्रिक लीहि ट्रंप के दूसरे सीनेट ट्रायल की अध्यक्षता करेंगे. लीहि सीनेट के प्रेजिडेंट प्रो-टेम्पोर हैं. क्योंकि ट्रंप अब पूर्व राष्ट्रपति हैं, इसलिए लीहि इस ट्रायल की अध्यक्षता करेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप के पहले इम्पीचमेंट ट्रायल के दौरान चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने अध्यक्षता की थी.
सीनेट ट्रायल में दोषी ठहराने के लिए दो-तिहाई बहुमत यानी कि 67 वोट की जरूरत होती है. इससे कम पर ट्रंप बरी हो जाएंगे. चाहें दोषी पाए जाएं या बरी किए जाएं, इस फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती.
ट्रंप के पिछले इम्पीचमेंट ट्रायल में सिर्फ यूटाह के रिपब्लिकन सीनेटर मिट रोमनी ने डेमोक्रेट्स के साथ वोट किया था. इस बार भी यही संभावना है कि रिपब्लिकन पिछली बार की तरह ही वोट करेंगे.
क्योंकि ट्रंप अब राष्ट्रपति नहीं हैं तो उन्हें पद से हटाए जाने का डर नहीं है. लेकिन अगर वो दोषी पाए गए तो सीनेट एक दूसरे वोट से उन्हें किसी भी फेडरल ऑफिस के लिए अयोग्य घोषित कर सकती है. इस वोट के लिए सामान्य बहुमत 51 का चाहिए होगा.
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