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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वॉल्टर रीड मिलिट्री अस्पताल में वीआईपी इलाज चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप को एग्रेसिव ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. राष्ट्रपति होने के नाते उन्हें सभी बेस्ट मेडिकल सुविधाएं मिल रही हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप को मिल रहा 'बेस्ट ट्रीटमेंट' कहीं ज्यादा न हो जाए.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना का पता लगने के बाद से 74 साल के ट्रंप को कई तरह के एक्सपेरिमेंटल दवाइयां दी जा रही हैं. वो जिंक, मेलाटोनिन और पेपसिड, एसपीरिन दवाइयां भी ले रहे हैं.
ट्रंप को रीजेनरन फ्रामसुटिकल्स इंक का एंटीबॉडी थेरेपी कॉकटेल भी दिया गया है. एंटीबॉडी प्रोटीन होते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की मजबूती देते हैं. लेकिन REGN-COV2 कोरोना वायरस के इलाज में एक एक्सपेरिमेंटल ड्रग है और अभी क्लीनकल ट्रायल में ही है.
ट्रंप के निजी फीजिशियन शॉन कॉनले ने कहा है कि वो राष्ट्रपति को लाभ पहुंचाने वाली किसी भी थेरेपी को नहीं छोड़ सकते. ट्रंप की सेहत पर पहली मीडिया ब्रीफिंग में कॉनले ने कहा था कि वो इलाज में कुछ भी छोड़ना नहीं चाहते, अगर कोई भी इलाज उनकी (राष्ट्रपति की) सेहत में बेहतरी करेगा, तो वो ऐसा करेंगे.
ट्रंप के एक्सपेरिमेंटल ड्रग्स लेने पर एक्सपर्ट्स ने सवाल भी खड़े किए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि ट्रंप की ज्यादा देखभाल से कहीं उनका 'ओवर ट्रीटमेंट' न हो जाए. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में मेडीसिन के एसोसिएट प्रोफेसर विनय प्रसाद ने कहा कि पहले स्टडी इसलिए की जाती है, ताकि पता चल पाए की दवाई काम करती है या नहीं, खासकर तब जब वो दूसरी दवाइयों के साथ दी जा रही हों, जिनका असर साबित नहीं हुआ है.
रिपोर्ट में बॉस्टन की ब्रिगम एंड वीमेन्स अस्पताल में इमरजेंसी मेडीसिन डॉक्टर, जेरेमी फॉस्ट ने इस ट्रीटमेंट का दूसरा पहलू बताते हुए कहा, “इससे अमेरिकी नागरिकों में ये मैसेज जाता है कि अगर आप वीआईपी हैं, तो आपको दूसरों से बेहतर मिलेगा.”
कुछ दिनों पहले ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए ट्रंप जल्द डिस्चार्ज भी हो सकते हैं. उनके डॉक्टरों ने बताया है कि ट्रंप 6 अक्टूबर तक डिस्चार्ज हो सकते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वो अब ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं और चल फिर सकते हैं.
कहा जा रहा है कि ट्रंप के ठीक होने की खबरें झूठी भी हो सकती हैं, क्योंकि पहले ही ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर लोगों के निशाने पर हैं और ऐसे में वो ज्यादा दिनों तक खुद को बीमार नहीं दिखाना चाहते.
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