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भारत की स्वदेशी कोवैक्सीन कोरोना वायरस के 617 वैरिएंट को निष्क्रिय करने में सफल रही है. ये जानकारी व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर और अमेरिका के मशहूर महामारी विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी .
न्यू यॉर्क टाइम्स ने मंगलवार को कहा कि Covaxin वैक्सीन इम्यून सिस्टम को SARS-CoV-2 कोरोनावायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाना सिखाता है और कुछ इस तरह काम करता है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी और ICMR के साथ भारत बायोटेक ने मिलकर कोवैक्सीन बनाया है. इस वैक्सीन को 3 जनवरी को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी. बाद में ट्रायल के नतीजों में ये 78 फीसदी तक प्रभावी दिखा.
एक सवाल के जवाब में वाइट हाउस कोविड-10 रिस्पॉन्स के सीनियर एडवाइजर डॉ एंडी स्लाविट कहते हैं कि सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की स्ट्राइक टीम भारत के मदद के लिए जा रही है. उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम भारत में अधिक वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी रॉ मैटेरियल्स को लोकेट कर सकें, मुझे लगता है कि ये काफी मददगार साबित होगा''
हाल ही में जारी बयानों के मुताबिक, अमेरिका Astrazeneca वैक्सीन के उत्पादन के लिए कच्चा माल सप्लाई करेगा. अभी तक अमेरिका में इसके निर्यात पर रोक लगी हुई थी.
वहीं स्ट्राइक टीम लैब सर्विस, सर्विलांस और एपिडिमियोलॉजी, बीमारी की सिक्वेंसिंग और मॉडलिंग के लिए बायोइंफॉर्मेटिक्स, संक्रमण से बचाव और नियंत्रण जैसे मुद्दों पर भारतीय एक्सपर्ट्स के साथ काम करेगी.
इसी के साथ भारत ने प्राथमिकता के आधार पर सात जरूरी सामानों की एक लिस्ट अमेरिका को सौंपी है. इसमें ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, 10 और 45 लीटर की क्षमता वाले ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन जनरेटर, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, रेमडेसिविर, फावीपिरावीर और tocilizumab शामिल है.
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