Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘अमेरिका के रूस या चीन की कोरोना वैक्सीन इस्तेमाल करने के आसार कम’

‘अमेरिका के रूस या चीन की कोरोना वैक्सीन इस्तेमाल करने के आसार कम’

कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में कम से कम 6 लाख 79 हजार लोगों की मौत

क्विंट हिंदी
दुनिया
Published:
कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में कम से कम 6 लाख 79 हजार लोगों की मौत
i
कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में कम से कम 6 लाख 79 हजार लोगों की मौत
(प्रतीकात्मक फोटो)

advertisement

दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. कई देश इसकी वैक्सीन पर तेजी से काम कर रहे हैं. कई वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल की स्टेज पर हैं. पूरी दुनिया को कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार है. लेकिन अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के टॉप डॉक्टर ने चीन और रूस में बन रहीं वैक्सीन की सेफ्टी पर चिंता जाहिर की है.

न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में अब तक कम से कम 6 लाख 79 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. WHO इस महामारी को 'सदी में एक बार' होने वाला संकट कह चुका है. लेकिन अमेरिका, रूस और चीन में बनने वालीं वैक्सीन पर सवाल खड़ा कर रहा है.

चीन की कई कंपनी वैक्सीन डेवलप करने में आगे चल रहीं हैं, तो वहीं रूस ने अपनी वैक्सीन के लिए सितंबर का टार्गेट सेट किया है. हालांकि, अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के टॉप डॉक्टर डॉ एंथनी फॉसी ने कहा है कि अमेरिका के रूस और चीन में बनी वैक्सीन इस्तेमाल करने के आसार कम हैं. डॉ फॉसी का कहना है कि इन दोनों देशों में रेगुलेटरी सिस्टम पश्चिम के मुकाबले कम पारदर्शी है.

मैं उम्मीद करता हूं कि चीन और रूस सभी लोगों को वैक्सीन देने से पहले उसे असल में टेस्ट कर रहे हों. टेस्टिंग करने से पहले वैक्सीन बांटने के लिए तैयार होने का दावा करना परेशान करता है. 
डॉ एंथनी फॉसी ने 31 जुलाई को एक कांग्रेशनल सुनवाई में कहा  

'ऑपरेशन वार्प स्पीड' के तहत अमेरिकी सरकार फार्मा कंपनी Sanofi और GSK को कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए 2.1 बिलियन डॉलर देगी.

डॉ एंथनी फॉसी ने कहा, "हम तेजी से काम कर रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि हमसे पहले वैक्सीन आ जाएंगी और हमें कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ेगा."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT