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शुरूआती प्रोजेक्शन (अनुमानों) से पता चलता है कि फ्रांस की जनता ने एक बार फिर इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) को अपना राष्ट्रपति चुन लिया है. 44 वर्षीय इमैनुएल मैक्रों पिछले 20 साल में लगातार दोबारा चुने जाने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति बन गए हैं. इमैनुएल मैक्रों के मुकाबले में दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन (Marine Le Pen) थीं.
फ्रांस के राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए संघर्ष करते रहे हैं. लगातार दोबारा चुनाव जीतने वाले आखिरी राष्ट्रपति जैक्स शिराक थे जिन्होंने 2002 के चुनाव में ऐसा किया था.
53 वर्षीय Marine Le Pen तीसरी बार राष्ट्रपति पद की रेस में थी. इससे पहले उन्हें 2017 के राष्ट्रपति चुनावों में भी इमैनुएल मैक्रों के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था.
मालूम हो कि फ्रांस में मतदान केंद्र रविवार, 24 अप्रैल को स्थानीय समय अनुसार सुबह 8 बजे खुले और अधिकांश स्थानों पर शाम 7 बजे बंद हो गए. इसके अलावा बड़े शहरों में मतदान केंद्र रात 8 बजे तक खुले रहे. फ्रांस में लगभग 48.7 मिलियन नागरिक मतदान के पात्र हैं.
फ्रांस के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में शाम 5 बजे 63.23 प्रतिशत मतदान हुआ जो पिछले दो दशकों में सबसे कम था. इसके विपरीत 2017 में, जब फ्रांस ने आखिरी बार राष्ट्रपति चुनाव किया था, शाम 5 बजे तक 65.30 प्रतिशत वोट डाले गए थे.
जब Emmanuel Macron 2017 में राष्ट्रपति चुने गए, तब वे फ्रांस के इतिहास में केवल 39 वर्ष की आयु में राष्ट्रपति बनने वाले सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बने थे.
वह 2017 में 39 साल की उम्र में फ्रांस के इतिहास में सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बने
Emmanuel Macron एक पूर्व इन्वेस्टर बैंकर और अर्थव्यवस्था मंत्री रह चुके हैं. लेकिन Emmanuel Macron कभी भी सांसद नहीं चुने गए.
उन्होंने अपने पूर्व ड्रामा टीचर ब्रिगिट से शादी की, जो उनसे 24 साल बड़ी हैं.
उन्होंने पारंपरिक पार्टियों को चुनौती देने के लिए La République En Marche! नाम का एक मध्यमार्गी राजनीतिक आंदोलन शुरू किया था.
Emmanuel Macron ने विवादास्पद आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया लेकिन प्रस्तावित फ्यूल टैक्स पर हिंसक विरोध का सामना करना पड़ा
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