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एरिक युआन की जिद्दी धुन और दुनिया में मच गई जूम की धूम 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जूम ने भारत में वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और टिक टॉक को डाउनलोडिंग के मामले में पछाड़ दिया है

दीपक के मंडल
दुनिया
Published:
जूम ऐप के फाउंडर एरिक युआन ने करियर की शुरुआत सिलिकन वैली से की थी
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जूम ऐप के फाउंडर एरिक युआन ने करियर की शुरुआत सिलिकन वैली से की थी
(फोटो : द क्विंट)

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कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण ने भारत समेत दुनिया भर में करोड़ों लोगों को घरों में कैद कर दिया है. सड़कों पर जिंदगी थम सी गई है लेकिन इंसानी जिंदगी में काम कभी नहीं ठहरता. लोग बेशक घरों में हैं लेकिन ‘वर्क फ्रॉम होम’ जारी है.

इस मुश्किल दौर में घर से काम करने वालों के बीच एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ने रातोंरात अपनी पैठ बना ली है. इसके साथ ही इसके फाउंडर एरिक युआन भी पूरी दुनिया की सुर्खियों में छा गए हैं.ये वही युआन हैं, जिनके वीजा एप्लीकेशन को अमेरिका ने आठ बार खारिज कर दिया था लेकिन आज उनका जूम ऐप का जादू दुनिया के सिर चढ़ बोल रहा है.

जूम नाम के इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ने भारत में एंड्रॉयड फोन पर डाउनलोड किए जाने वाले सभी ऐप को पीछे छोड़ दिया है. इसने अब यहां वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, टिकटॉक जैसे पॉपुलर ऐप को पीछे छोड़ दिया है.

अमेरिका में 16 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में इसकी डाउनलोडिंग 252 फीसदी बढ़ गई और अब तो यहां 70 लाख लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं. यूरोप में 65 लाख लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं.

जूम रातोंरात इतना पॉपुलर क्यों हुआ?

जूम (ZOOm) केबेसिक वर्जन के जरिये आप एक साथ 50 लोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकते हैं. मार्कट में जूम ही एक ऐसा ऐप है जो एक साथ दस से ज्यादा लोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को संभव बना सकता है. यही वजह है कि प्रोफेशनल्स के बीच इतने ही कम वक्त में बेहद लोकप्रिय हो गया. गूगल प्ले स्टोर से अब तक यह 5 करोड़ बार डाउनलोड हो चुका है.

जूम ने धूम मचाई है उसने इसके फाउंडर एरिक युआन को भी रातोंरात सितारा बना दिया है, हालांकि प्राइवेसी के मामले में वह इधर थोड़े घिरते भी नजर आए हैं. लेकिन इसकी चर्चा बाद में करेंगे. पहले एरिक और उनकी ‘जिद्दी’ धुन के बारे में बात करते हैं.

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नब्बे के दशक में एरिक ने पहली बार बिल गेट्स को इंटरनेट के बारे में बोलते हुए सुना. उस समय वह उम्र के दूसरे दशक में थे. गेट्स के भाषण ने युवा युआन के दिमाग में खलबली मचा दी और वह रात दिन इंटरनेट और सिलिकन वैली के बारे में सोचने लगे. लेकिन युआन को जल्द ही झटका लगा. अमेरिका जाकर सिलिकन वैली में काम करने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा था क्योंकि अमेरिका ने एक के बाद आठ बार उनके वीजा एप्लीकेशन को खारिज कर दिया था.

आखिरकार नौवीं बार युआन के वीजा एप्लीकेशन को मंजूरी मिली.सपनों को पंख मिले. लेकिन मुश्किलें अभी भी थीं. युआन को फ्लुएंट अंग्रेजी बोलने में दिक्कत आती थी. अटक-अटक कर बोलते थे. लेकिन एक चीज में उन्हें मास्टरी हासिल थी. और वह थी कोडिंग. कंप्यूटर कोडिंग लिखने में उनका जवाब नहीं था. अपनी इसी स्किल के दम पर 1997 में उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर कंपनी वेबएक्स (Webex) में इंजीनियर के तौर पर नौकरी मिल गई.

इस तरह हुआ जूम का जन्म

2007 में सिस्को ने 32 बिलियन डॉलर में वेबेक्स को खरीद लिया. वह सिस्को में इंजीनियरिंग के कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट बन गए.बाद में एक मैगजीन को उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया था कि कंपनी के कई ग्राहक इसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सर्विस से संतुष्ट नहीं थे. इस फीडबैक के बाद युआन ने 2011 में अपना वेंचर खोलने का फैसला किया है. नाम रखा जूम यानी zoom. 2012 में कंपनी ने अपना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom लॉन्च किया.40 इंजीनियरों से शुरुआत करने वाली इस कंपनी में 2018 तक 1700 कर्मचारी हो चुके थे और कंपनी का रेवेन्यू 33 करोड़ डॉलर हो गया.

जूम ने जब शुरुआत की थी तो इसके सामने कई बड़े कंपीटिटर थे, जैसे स्काईप, गूगल और खुद सिस्को. लेकिन दो साल में ही zoom को चार करोड़ लोगों ने इस्तेमाल कर लिया था. अब तो इसकीलोकप्रियता आसमान पहुंच चुकी है. जूम भी अब एक साथ 100 लोगों सेवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की तकनीक विकसित करने में लगा है.

प्राइवेसी के सवाल पर घिरे एरिक युआन

लेकिन एरिक युआन की सफलता की इस कहानी में सब कुछ इतना चमकदार नहीं है. जूम प्राइवेसी लीक करने के गंभीर आरोपों से घिरा है.वेबसाइट Techcruch की एक रिपोर्ट में इंटरसेप्ट का हवाला देकर बताया गया है कि इसके वीडियो कॉल एंड-टु-एंड एनक्रिप्टेड नहीं है.यानी बीच में ही प्राइवेसी लीक हो सकती है. जबकि कंपनी दावा करती है कि यह पूरी तरह लीक प्रूफ है. मदरबोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जूम क्लाइंट के ई-मेल एड्रेस लीक कर रहा है. प्राइवेसी लिकिंग के डर से एपल को अपने लाखों मैक कंप्यूटर्स को सुरक्षित करने के लिए इंतजाम करना पड़ा था.

फेसबुक को डेटा देने का आरोप

जूम पर यह भी आरोप लगा कि यह चुपचाप एक यूजर की जूम आदतों के बारे में फेसबुक को डेटा भेज रहा था, इसके बावजूद कि यूजर के पास फेसबुक अकाउंट तक नहीं था. मदरबोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक यह आईओएस एंड्रॉयड खोलने पर फेसबुक को नोटिफाई करता है. इस तरह फेसबुक तक डेटा लीक हो जाता है. कहा जा रहा है कि एरिक को अपने ऐप की बदनामी को धोने के लिए करोड़ों डॉलर पीआर पर खर्च करने पड़े हैं.

लेकिन इन तमाम आलोचनाओं के बीच एरिक के जूम ऐप की धूम मची हुई है. यह एक चीनी युवक की जिद्दी धुन ही थी, जिसने सिलिकन वैली में उसे बड़ी दिग्गज कंपनियों से टक्कर लेने लायक बना दिया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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