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फेसबुक, गूगल और ट्विटर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर पूछताछ का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही वे सांसदों को ये भी बताने की योजना बना रहे हैं कि इन प्लेटफॉर्म्स पर रूसी कंटेंट दूसरी जानकारियों की तुलना में काफी अधिक पहुंची है.
'द वाशिंगटन पोस्ट' की सोमवार की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक कानून बनाने वालों को ये बताने की तैयारी कर रहा है कि उसके 12.6 करोड़ यूजर्स ने रूसी ऑपरेटरों की बनाई गई और एडवरटाइज कंटेट को देखा था, जो उस आंकड़े से बहुत ज्यादा है, जिसका कंपनी पहले कई बार खुलासा कर चुकी है. फेसबुक ने पहले बताया था कि उसके एक करोड़ उपभोक्ताओं ने ऐसे विज्ञापन देखे थे.
इसी तरह, गूगल ने भी बताया है कि उसे यह सबूत मिला था कि रूसी ऑपरेटरों ने अमेरिकी वोटर्स को प्रभावित करने के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया. गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि उसे रूस से जुड़े 1,108 वीडियो मिल चुके हैं. कंपनी को 4,700 डॉलर कीमत के पब्लिश एडवरटाइजमेंट की भी जानकारी मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा ट्विटर भी जांचकर्ताओं को बताएगा कि उसने रूसी ऑपरेटरों के कंट्रोल वाले 2,752 अकाउंट्स और 36,000 से अधिक बॉट्स की पहचान की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान 14 लाख बार ट्वीट किया गया था. जबकि, कंपनी ने इससे पहले रूस से जुड़े 201 खातों की सूचना दी थी.
जांच के बाद टेक्नोलॉजी दिग्गज अब राजनीतिक विज्ञापनों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने में जुट गए हैं.
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