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अगर हौसलों में उड़ान हो तो सपनों का आसमान दूर नहीं होता. इस बात को सही साबित किया है एक ऐसी महिला ने, जिसके शरीर पर जन्म से ही हाथ नहीं हैं. दरअसल जेसिका कॉक्स नाम की यह महिला आज एक पायलट हैं. कॉक्स ने सीएनएन को बताया, ''दूसरे पायलट जो काम अपने हाथों से करते हैं, मैं वो काम अपने पैरों से करती हूं.''
कॉक्स कहती हैं कि उनका हौसला बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में उनके परिवार ने काफी मदद की. हालांकि शुरुआत में उनके परिवार के लिए यह आसान नहीं था.
कॉक्स ने बताया कि एक समय ऐसा था कि उन्हें प्लेन में यात्रा करने से डर लगता था. उन्होंने बताया, ''बचपन में जब भी मैं कमर्शियल फ्लाइट में जा रही होती थी जो भगवान से सलामती की प्रार्थना करती थी.''
हालांकि एक छोटे से प्लेन की यात्रा ने कॉक्स के लिए चीजें बदलकर रख दीं. इस बारे में कॉक्स ने बताया, ''(उस प्लेन का) पायलट मुझे प्लेन के आगे वाले हिस्से में ले गया. प्लेन में ड्यूल कंट्रोल था. उसने कंट्रोल से अपने हाथ हटा लिए और मुझे उड़ान की जिम्मेदारी सौंप दी.'' जेसिका कहती हैं कि भले ही कोई चीज आपको डराती हो, लेकिन उसका सामना करना अहम बात होती है.
2005 में एरिजोना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने के बाद कॉक्स ने पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. मगर यह सब इतना आसान नहीं था. उन्हें एक खास ट्रेनर को तलाशने की जरूरत थी. कॉक्स के मुताबिक, उन्हें तीन साल तक कई इंस्ट्रक्टर्स ने प्लेन उड़ाना सिखाया. साल 2008 में कॉक्स को फेडरल एविऐशन एडमिनिस्ट्रेशन से एरकूप नाम के एक छोटे स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट को उड़ाने का सर्टिफिकेट भी मिल गया.
फिलहाल कॉक्स ना सिर्फ एक पायलट हैं, बल्कि वह एक सर्टिफाइड स्कूबा डाइवर और ताइक्वांडो में थर्ड डिग्री ब्लैक बेल्ट भी हैं. इसके अलावा एक मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर वह 20 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुकी हैं.
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