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दुनिया की सबसे महंगी कार की कीमत क्या होगी? 10 करोड़? या 50 करोड़ रुपए या उससे भी ज्यादा?
जानकर हैरान हो जाएंगे कि 1963 की एक कार को 7 करोड़ डॉलर यानी करीब 470 करोड़ रुपये में बिकी है. अब ये जानना जरूरी है कि इस कार में ऐसी क्या खासियत है कि इसके लिए इतनी रकम मिल गई जिसमें करीब 1000 मर्सिडीज E क्लास लग्जरी कार खरीदी जा सकती हैं.
इससे पहले कोई भी कार इतने बड़ी कीमत पर नहीं बिकी है. लेकिन हैरान करने वाली बात अब है कि ये कार 55 साल पहले बनी फरारी 250 GTO है.
1963 में बनी फरारी 250 GTO को अमेरिकी उद्योगपति डेविड मैकनील ने 7 करोड़ डॉलर की बोली लगाकर खरीदा है. मैकनील इससे पहले भी कई विंटेज फरारी खरीद चुके हैं. उनके इसी फरारी शौक की वजह से उन्हें ‘फरारी कलेक्टर’ कहा जाता हैं.
मैकनील फ्लोर मैट और एक्सेसरी बनाने वाली कंपनी वैदरटैक के सीईओ भी हैं.
ये विंटेज कार 60 के दशक में अपनी स्पीड के लिए मशहूर थी. इसी फरारी ने लॉन्च के साल भार के अंदर जाना-माना रेसिंग टूर्नामेंट टूर दे फ्रांस जीता था. इसकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस कार को दुनियाभर के लगभग हर बड़े विंटेज कार इवेंट्स का हिस्सा बनाया जाता रहा है.
फरारी दुनिया में बेहतरीन और तेज रफ्तार कारों में शुमार की जाती है. इस कंपनी की विंटेज कारों की कीमत भी इस जमाने में भी बहुत ज्यादा है. फरारी ने 1963 में इस सिरीज की सिर्फ 36 गाड़ियां बनाई थीं.
पुराने रिकॉर्ड की बात करें तो इससे पहले सबसे महंगी कार होने का रुतबा फरारी की इसी सीरीज की एक और गाड़ी के पास था. कैलिफोर्निया में 2014 में एक नीलामी के दौरान एक फरारी 250 GTO को 3.8 करोड़ डॉलर यानी करीब 254 करोड़ रुपये में खरीदा गया था. इस बार ये रिकॉर्ड करीब दोगुनी कीमत के साथ टूटा है.
250 GTO में 3-लीटर V12 इंजन है जो 300 bhp की पावर देता है. जब इसे 1963 में लॉन्च किया गया था तब इसकी कीमत अमेरिका में $18,000 रखी गई थी.
माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में फरारी और ऐसी विंटेज कारों की कीमत और बढ़ सकती है क्यों दुनियाभर में कार खरीदार और विंटेज गाड़ियों के लिए बोली लगाने वाले लोग बढ़ रहे हैं.
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