मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Finland मंगलवार को बनेगा NATO का सदस्य देश, रूस का पड़ोसी विरोधी खेमे में क्यों?

Finland मंगलवार को बनेगा NATO का सदस्य देश, रूस का पड़ोसी विरोधी खेमे में क्यों?

Finland to join NATO: नाटो में किसी भी देश को शामिल करने के लिए सभी सदस्यों का समर्थन जरूरी

क्विंट हिंदी
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>Finland to join Nato</p></div>
i

Finland to join Nato

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

पक्षिमी देशों के सैन्य गठबंधन नाटो (NATO) को फिनलैंड के रूप में अपना 31वां सदस्य देश मिलने वाला है. NATO के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने आज जानकारी दी कि फिनलैंड मंगलवार, 4 अप्रैल को दुनिया के सबसे इस बड़े सैन्य गठबंधन का सदस्य बन जाएगा. उन्होंने साथ ही यह भी उम्मीद जताई है कि फिनलैंड का पड़ोसी देश स्वीडन आने वाले महीनों में इसमें शामिल हो सकता है.

फिनलैंड की सदस्यता की पुष्टि करते हुए NATO ने क्या कहा?

ब्रसेल्स में नाटो के विदेश मंत्रियों की बैठक की पूर्व संध्या पर स्टोलटेनबर्ग ने पत्रकारों से कहा, "यह एक ऐतिहासिक सप्ताह है.. कल से, फिनलैंड गठबंधन का पूर्ण सदस्य होगा"

नार्वे के पूर्व प्रधान मंत्री स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि मंगलवार दोपहर को, "हम यहां नाटो मुख्यालय में पहली बार फिनलैंड का झंडा फहराएंगे. यह फिनलैंड की सुरक्षा, नॉर्डिक सुरक्षा और समग्र रूप से नाटो के लिए एक अच्छा दिन होगा.

स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि फिनलैंड की सदस्यता की पुष्टि करने वाला आखिरी देश तुर्की मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को अपनी आधिकारिक सहमति सौंपेगा. स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि वह फिनलैंड को भी ऐसा करने के लिए आमंत्रित करेंगे.

तुर्की क्यों कर रहा था सदस्यता का विरोध?

तुर्की फिनलैंड पर "आतंकवादियों" का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए उसकी सदस्यता के आवेदन पर सहमति नहीं दे रहा था. स्वीडन ने भी पिछले साल मई में फिनलैंड के साथ ही नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन इसी तरह की शिकायतों पर तुर्की इसे रोक रहा है. बता दें कि नाटो में किसी भी देश को शामिल करने के लिए सभी सदस्यों का समर्थन जरूरी है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

फिनलैंड और स्वीडन NATO में शामिल क्यों होना चाहते हैं?

NATO - उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organisation) - दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के तुरंत बाद स्थापित 30-देशों का रक्षात्मक सैन्य गठबंधन है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, NATO को रक्षात्मक गठबंधन के रूप में नहीं देखते हैं. इसके ठीक विपरीत वह इसे रूस की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं. 1991 में सोवियत यूनियन के विघटन के बाद NATO का पूर्व में रूस के पड़ोस में तेजी से विस्तार हुआ और इसे रूस ने हमेशा शक की निगाह से देखा.

फिनलैंड रूस के साथ 1340 किलोमीटर का बॉर्डर शेयर करता है. अब तक यह रूस की दुश्मनी से बचने के लिए NATO से बाहर रहा है. फिनलैंड और रूस (तब का सोवियत संघ) दूसरे विश्व युद्ध में विरोधी पक्ष में थे.

फिनलैंड ने 1939-40 में सोवियत आक्रमण का बहादुरी से मुकाबला किया था. फिनलैंड ने अंतिम शांति समझौते में अपनी 10% जमीन खो दी और शीत युद्ध के दौरान भी उसने गुटनिरपेक्षता का दामन थामे रखा. लेकिन अब फिनलैंड के लिए कहानी बदल गयी है.

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कहानी बदली है. यूक्रेन पर हमला कर व्लादिमीर पुतिन ने उत्तरी यूरोप में लंबे समय से चली आ रही स्थिरता की भावना को चकनाचूर कर दिया है, जिससे स्वीडन और फिनलैंड असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

फिनलैंड की जनता के लिए यूक्रेन पर रूसी हमले ने उन परिचित खौफनाक यादों को फिर से ताजा कर दिया है जब 1939 के अंत में सोवियत यूनियन ने उनपर आक्रमण किया था और तीन महीने से अधिक समय युद्ध चला था. फिनलैंड की नजर रूस के साथ लगे अपनी 1340 KM की बॉर्डर पर है, और वह खुद से सवाल कर रहा है कि "क्या हमारे साथ भी रूस ऐसा कर सकता है?"

फिनलैंड और स्वीडन NATO में शामिल हुए तो क्या बदलेगा?

सबसे बड़ा बदलाव NATO के "आर्टिकल 5" के कारण होगा, जिसके अनुसार NATO के किसी एक सदस्य देश पर हमला सभी पर हमले के बराबर होगा. NATO में शामिल होने के बाद पहली बार फिनलैंड और स्वीडन के पास परमाणु देशों (अमेरिका,यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस) से सुरक्षा की गारंटी मिलेगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT