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14 से 16 नवंबर के बीच इंडोनेशिया में होने वाली G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. बैठक में पीएम कई द्विपक्षीय वार्ता का हिस्सा बनेंगे. 17वीं G20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि 1 दिसंबर से एक साल के लिए इसकी अध्यक्षता भारत करेगा.
भारत किन सेशन में लेगा भाग? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ डिजिटल बदलाव से जुड़े सत्रों में हिस्सा लेंगे. इसके साथ ही, पीएम अन्य विश्व नेताओं के साथ ऊर्जा, पर्यावरण और डिजिटल परिवर्तन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा के मुताबिक, मोदी कुछ विश्व नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगे. पीएम मोदी ने ये भी उल्लेख किया कि वो वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने के लिए भारत की उपलब्धियों और प्रतिबद्धता को उजागर करेंगे.
भारत की क्या होगी थीम? 1 दिसंबर से भारत एक साल के लिए इसकी अध्यक्षता करेगा. बाली निकलने से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमारे देश के लिए एक बड़ी बात है कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को G20 की अध्यक्षता सौंपेंगे. भारत 1 दिसंबर को आधिकारिक रूप से G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा. मैं अगले साल के शिखर सम्मेलन के लिए G20 के सभी सदस्यों को अपना व्यक्तिगत निमंत्रण दूंगा. भारत की G20 अध्यक्षता 'वसुधैव कुटुम्बकम' या एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम पर आधारित होगी."
भारत ऐसे समय में अध्यक्ष पद ग्रहण कर रहा है, जब रूस-यूक्रेन युद्ध और महंगाई के कारण भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है. उभरते बाजारों और रुपये सहित मुद्राओं के कमजोर होने के अलावा ईंधन की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ बेरोजगारी प्रमुख वैश्विक चिंताओं के रूप में उभर रही है.
G20 में कौन-कौन होगा शामिल? G20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भी शामिल होंगे. रूस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा है कि वो इस सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, और देश का प्रतिनिधि विदेश मंत्री Sergey Lavrov करेंगे.
किन मुद्दों पर बात करेंगे वैश्विक नेता? रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सम्मेलन में ताइवान पर चर्चा कर सकते हैं. वहीं, वैश्विक नेता यूक्रेन में रूस के आक्रमण का मुद्दा भी उठाएंगे.
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