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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 27 जून को दक्षिणी जर्मनी के श्लॉस एलमौ में आयोजित G-7 सम्मेलन में भाग लिया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत में दुनिया का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा है. इस दशक में भारत का रेलवे सिस्टम भी नेट जीरो हो जाएगा.
इस दौरान पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा समेत कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
बता दें, जी-7 सात राष्ट्रों के समूह कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका से मिलकर बना एक अंतर-सरकारी राजनीतिक समूह है.
कहा जा रहा कि शिखर सम्मेलन का फोकस यूक्रेन संकट पर है, जिसने भू-राजनीतिक उथल-पुथल और दुनिया भर में खाद्य और ऊर्जा संकट पैदा कर दिया है. जर्मन चांसलर के निमंत्रण पर पीएम मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं.
शिखर सम्मेलन से पहले, मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ हाथ मिलाया. ये सभी नेता एक समूह में फोटो के लिए इकट्ठे हुए थे.
शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, पर्यावरण और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर समूह के नेताओं और उसके सहयोगियों के साथ चर्चा करेंगे.
इस दौरान पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं आज जी -7 शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा, जिसमें हम विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पिछले हफ्ते कहा था कि मोदी जी-7 देशों के वैश्विक नेताओं और शिखर सम्मेलन से इतर अतिथि देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें और चर्चा करेंगे.
अपनी यात्रा से पहले पीएम मोदी ने रविवार को एक बयान में कहा कि वह स्वास्थ्य और लैंगिक समानता सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा में भाग लेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि...
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की भी सोमवार को जी-7 नेताओं को संबोधित करेंगे, ताकि रूस पर त्वरित प्रतिबंध लगाने के लिए पश्चिमी देशों पर दबाव डाला जा सके.
रॉयटर्स के अनुसार, G7 ने यूक्रेन संकट पर एक बयान में कहा कि हम 2022 में 29.5 बिलियन अमरीकी डालर का बजट समर्थन देने या देने के लिए तैयार हैं.
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