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जर्मनी शुक्रवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाला विश्व का 23वां देश बन गया. चांसलर एंजेला मार्केल द्वारा चार दिन पहले इससे संबंधित एक विधेयक को मंजूरी देने के बाद उसे देश के सांसदों ने संसद में मतदान के दौरान पारित कर दिया.
समाचार एजेंसी एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस विधेयक को जर्मनी की संसद 'बुंडेसटाग' ने पारित कर दिया. इस विधेयक के पक्ष में 393 मत, वहीं इसके विरोध में 226 मत पड़े. यह विधेयक समलैंगिक जोड़े को बच्चे को गोद लेने का भी अधिकार प्रदान करता है.
मार्टिन की सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी(एसपीडी) ने चांसलर एंजेला मार्केल के सोमवार को वोट कराने संबंधी निर्णय पर अपनी मुहर लगाई थी.
एसपीडी पार्टी मार्केल की क्रिस्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के साथ एक महागठबंधन समझौते के तहत सत्ता में भागीदार है. शुक्रवार को मतदान को लेकर सांसदों ने सीडीयू के रैंक को दरकिनार कर दिया, जिसकी पार्टी के कई सांसदों ने आलोचना की.
चांसलर मार्केल ने इस विधेयक के विरोध में मतदान करते हुए कहा कि उनका व्यक्तिगत रूप से मानना है कि जर्मनी के कानून में शादी एक पुरुष और एक महिला के बीच हो, हालांकि उन्होंने माना कि समलैंगिक विवाह को भी जगह मिलनी चाहिए.
इस विधेयक का एसपीडी, वामपंथी पार्टी और ग्रीन पार्टी के अलावा सीडीयू के सदस्यों द्वारा समर्थन किया गया. एंजेला मार्केल ने अपनी पार्टी सीडीयू के सदस्यों से अपने विवेक के आधार पर स्वतंत्र मतदान करने को कहा था. इस मतदान से पहले, जर्मनी में समलैंगिक जोड़ों को नागरिक संघों तक जाने की इजाजत थी.
जर्मनी अब यूरोपीय संघ के अन्य देशों के साथ समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला 13 वां देश बन गया है. यूरोपीय संघ के नीदरलैंड, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड जैसे देश बहुत पहले ही समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे चुके हैं.
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