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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 1 नवंबर को वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन ( COP26 ) की शुरुआत की.
जॉनसन ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन को शुरू किया जिसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को तेजी से रोकने के लिए समझौता करना है ताकि ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रखा जा सके.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उनका स्वागत किया.
आइए देखते हैं इस जलवायु सम्मेलन पर किसने क्या कहा ?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा कि दुनिया एक "कयामत के दिन" से बंधी हुई है. उन्होंने पृथ्वी की स्थिति की तुलना काल्पनिक गुप्त एजेंट जेम्स बॉन्ड से की और कहा कि,
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि जैव विविधता के साथ अब तक बहुत क्रूरता हो चुकी है. उन्होंने आगे कहा कि,
उन्होंने आगे कहा कि "जीवाश्म ईंधन के लिए हमारी लत मानवता को कगार पर धकेल रही है. हमारे सामने एक सख्त विकल्प है: या तो हम इसे रोक दें - या यह हमें रोक देगा".
ब्राजील के मूल लोगों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में बताएंगे कि ग्लोबल वार्मिंग संकट को हल करने के लिए दुनिया को अमेजन वर्षावन की रक्षा करने में उनकी विशेषज्ञता की आवश्यकता है.
ब्राजील के स्वदेशी लोगों (एबीआईपी) के आर्टिक्यूलेशन की प्रमुख सोनिया गुआजारा ने कहा कि,
वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें अनुकूलन को अपनी विकास नीतियों और योजनाओं का मुख्य भाग बनाना है.
वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का विषय स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए.
उन्होनें कहा कि अगली पीढ़ी को मुद्दों से अवगत कराने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन नीतियों को शामिल करने की आवश्यकता है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि "आज विश्व की आबादी का 17 प्रतिशत होने के बावजूद, जिसकी emissions में जिम्मेदारी सिर्फ 5 प्रतिशत रही है, उस भारत ने अपना कर्तव्य पूरा करके दिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है. मेरी बातें, सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य का जयघोष है"
पीएम मोदी ने आगे कहा कि सोलर पावर में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में, हमने International Solar Alliance की पहल की. क्लाइमेट एडाप्टेशन के लिए हमने coalition for disaster resilient infrastructure का निर्माण किया है. ये करोड़ों जिंदगियों को बचाने के लिए एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण पहल है.
पीएम मोदी ने क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए 5 अमृत तत्व रखे.
पहला, भारत, 2030 तक अपनी Non-Fossil Energy Capacity को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा.
दूसरा, भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत energy requirements, renewable energy से पूरी करेगा.
तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक बिलियन टन की कमी करेगा
चौथा- 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा.
पांचवा- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा
COP26 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हर दिन आजीविका को नष्ट कर रहा है.
बाइडेन ने सभा को बताया, "अगर हम एक साथ आते हैं और राष्ट्रों के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं, तो हम 1.5C को पहुंच के भीतर रख सकते हैं."
स्वीडिश कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने लाखों समर्थकों से नेताओं पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर करने की अपील को रीट्वीट किया. उन्होंने कहा कि, "यह एक ड्रिल नहीं है. यह पृथ्वी के लिए रेड कोड है."
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