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#MeToo कैंपेन की आंच अब दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी Google तक पहुंच गई है. महिलाओं के साथ बर्ताव और यौन उत्पीड़न के आरोपी कंपनी के बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में नरमी के खिलाफ गुरुवार को भारत समेत दुनियाभर में गूगल के कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार किया.
Google वॉकआउट कैंपेन में भारत में Google के गुरुग्राम, हैदराबाद और मुंबई दफ्तरों पर कर्मचारियों ने वॉकआउट किया. भारत में इन तीन जगहों के अलावा बेंगलुरु में भी Google का दफ्तर है और इन चारों दफ्तर में लगभग दो हजार कर्मचारी काम करते हैं.
इसके अलावा दुनियाभर में गूगल के दफ्तरों पर कर्मचारियों ने वॉकआउट किया.
दरअसल, यह पूरा हंगामा न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद खड़ा हुआ. खबर के मुताबिक, कंपनी में सालों से यौन उत्पीड़न के मामले होते रहे हैं और कंपनी आरोपितों पर कठोर कार्रवाई के बजाय उन्हें मोटी रकम देकर कंपनी से अलग कर देती है.
‘न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल के एक वरिष्ठ कर्मचारी एंड्रॉयड निर्माता एंडी रुबीन को कंपनी छोड़ने के समय नौ करोड़ डॉलर का पैकेज दिया गया है, जबकि उन पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप हैं और गूगल ने यौन उत्पीड़न के अन्य दावों पर पर्दा डालने का काम किया. बहरहाल रूबीन के प्रवक्ता सैम सिंगर ने इन आरोपों को खारिज किया है.
कर्मचारी उन तौर तरीकों में अहम बदलाव की मांग कर रहे हैं, जिससे यौन कदाचार के आरोपों से निपटा जाता है. उनमें जबरन सुलह को समाप्त करने की भी मांग है ताकि पीड़िता के लिए मुकदमा चलाना संभव हो सके.
सिल्कन वैली के कर्मचारियों के लिए जबरन सुलह एक आम व्यवस्था है जिसके तहत किसी भी विवाद को अदालत जैसे बाहरी तरीकों के बजाय अंदरुनी ढंग से निपटाया जाता है. असमान वेतन और लैंगिक प्रतिनिधित्व का अभाव भी कर्मचारियों की चिंताओं में शामिल थे.
Google के CEO सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों से कहा कि वह प्रदर्शन करने के उनके अधिकारों का समर्थन करते हैं. भारतीय मूल के CEO ने कहा, ‘‘हमने गूगल कर्मचारियों को पता लग जाने दिया कि हम गुरुवार के लिए बनाई गई एक्टिविटी से वाकिफ हैं और यह कि कर्मचारियों को जो समर्थन चाहिए, वह उन्हें मिलेगा अगर वे उसमें हिस्सा लेना चाहें.''
पिचाई ने कहा कि उन्हें कई कर्मचारियों ने काम के दौरान अनुचित व्यवहार के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि Google ने पिछले दो साल में यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते 13 वरिष्ठ कार्यकारियों समेत 48 कर्मचारियों को निकाला है.
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