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साउथ न्यूयॉर्क के अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने बुधवार, 29 नवंबर को दावा किया कि अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसी ने अमेरिकी धरती पर सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक और खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. अटॉर्नी ऑफिस ने एक भारतीय नागरिक के खिलाफ अभियोग दायर किया, जिसने कथित तौर पर भारत सरकार के एक स्टाफ के साथ मिलकर जून 2023 में अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रची थी.
अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एजेंसी के एक अफसर ने कहा कि "एक विदेशी सरकारी अधिकारी ने कथित तौर पर अमेरिका और कनाडा के नागरिक पन्नू की हत्या की साजिश रचने के लिए अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर को हायर करने का घृणित काम किया है."
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI ) के प्रभारी सहायक निदेशक जेम्स स्मिथ ने कहा, "हत्या के लिए सुपारी देना फिल्मी प्लॉट है लेकिन यहां यह बिल्कुल असली था."
प्रारंभिक संपर्क और निगरानी से लेकर वैश्विक कूटनीति और सुपारी किलिंग तक, क्विंट कथित साजिश से पर्दा उठा रहा है.
अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने 15 पेज की जो अभियोग दायर की है, उसमें पन्नू की हत्या करने की साजिश में 4 मुख्य किरदार पर आरोप लगाए गए हैं.
निखिल गुप्ता निक: 52 वर्षीय भारतीय नागरिक जो कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में शामिल था. उन पर सुपारी किलिंग के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. .
कथित भारतीय कर्मचारी उर्फ CC-1: एक सरकारी कर्मचारी, जो नई दिल्ली का करीबी है जिसने हत्या की साजिश का प्लॉट रचा और उसका निर्देश दिया. वो खुद को सीनियर फील्ड ऑफिसर बताता है. जिनका काम सिक्योरिटी और खुफिया मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ है. इसके बारे में ये रेफरेंस है कि वो CRPF में काम कर चुका है. ये भी दावा किया गया है कि वो ऑफिसर ट्रेनिंग और बैटल क्राफ्ट, हथियार के बारे में स्पेशल ट्रेनिंग ले चुका है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरी साजिश के दौरान वो भारत सरकार का कर्मचारी रहा.
अनाम व्यक्ति उर्फ CS (गोपनीय सोर्स): एक व्यक्ति जिसके बारे में निखिल गुप्ता का मानना था कि वह एक आपराधिक सहयोगी था, लेकिन वह अमेरिकी ड्रग प्रवर्तन एजेंसी (DEA) के साथ काम करने वाला एक सोर्स भी था.
अनाम व्यक्ति उर्फ UC (अंडरकवर): एक कथित हिटमैन, जो असल में अंडरकवर DEA था. इसको CS ने गुप्ता से परिचित कराया गया.
अमेरिका ने दावा किया है कि मई 2023 में, CC-1 ने अमेरिकी धरती पर पन्नु की हत्या के लिए निखिल गुप्ता को हायर किया था और बदले में, गुप्ता के खिलाफ गुजरात में आपराधिक मामले खत्म करने में मदद का वादा किया गया.
निखिल हत्या की साजिश रचने के लिए तैयार हो गया. इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन के अलावा, निखिल गुप्ता ने साजिश को आगे बढ़ाने के लिए नई दिल्ली में CC-1 से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी की.
6 मई को एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन पर बातचीत के दौरान, CC-1 ने कथित तौर पर गुप्ता को "न्यूयॉर्क में टार्गेट” और "कैलिफोर्निया" में एक अन्य लक्ष्य के बारे में बताया, जिस पर गुप्ता ने उत्तर दिया:
अमेरिकी प्रशासन ने आरोप लगाया कि कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी ने जिस नंबर का इस्तेमाल किया, उस पर भारत का कोड था. वह रजिस्टर्ड ई-मेल अकाउंट था. साजिश की अवधि के दौरान नई दिल्ली के नजदीक इस अकाउंट ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया गया था.
12 मई को CC-1 ने निखिल गुप्ता को सूचित किया कि उसपर गुजरात में दर्ज आपराधिक मामले में उसकी मदद कर दी गई है और अब "गुजरात पुलिस से उसके पास कोई भी कॉल नहीं आएगी."
निखिल गुप्ता ने पन्नुन की हत्या के लिए हिटमैन को भाड़े पर लेने के लिए CS से संपर्क साधा, जिसे वो क्रिमिनल एसोसिएट मानता था लेकिन वो अमेरिकी कानूनी एजेंसी के साथ काम करने वाला सीक्रेट सोर्स भी था.
CC-1 ने कथित तौर पर 1 जून को गुप्ता को पन्नू का पता भेजा.
ठीक दो दिन बाद, गुप्ता ने CS से फोन पर बात की और उनसे आग्रह किया कि वह अपने सहयोगियों से कहें कि जल्द से जल्द हत्या को अंजाम दिया जाए. गुप्ता ने कथित तौर पर CS से कहा, "उसे खत्म करो भाई, उसे खत्म करो, ज्यादा समय मत लो.. इन लोगों का काम तमाम करो".
गुप्ता ने CS को सर्विलांस के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन का भी निर्देश दिया, जो GPS रिकॉर्ड करता है और यूजर्स को तस्वीरें लेने में सक्षम बनाता है, और उनसे अपने सहयोगियों से पन्नू पर निगरानी रखने के लिए एप्लिकेशन का उपयोग करने का आग्रह करने के लिए कहा. गुप्ता ने CC-1 को बताया कि उन्होंने "NY ग्रुप से बात की थी" और "उन्हें बताया कि उन्हें जल्द से जल्द (पन्नु को) निपटाना होगा''.
गुप्ता ने CS को से वादा किया कि अगर यह काम सफलतापूर्वक पूरा हो जाता है तो "चीफ" के साथ एक मीटिंग भी कराएगा.
हत्या करने के लिए एडवांस के तौर पर, निखिल गुप्ता और CC-1 ने हिटमैन और CS के क्रिमिनल साथी होने का नाटक करने वाले एक अंडरकवर DEA एजेंट "UC" को 15,000 डॉलर एडवांस देने की व्यवस्था की.
जून में, CC-1 ने निखिल गुप्ता को पन्नु के बारे में "व्यक्तिगत जानकारी" प्रदान की, जिसमें खालिस्तानी नेता का "न्यूयॉर्क शहर में घर का पता, फोन नंबर..और (पन्नू के) दिन-प्रतिदिन के कामकाज का ब्यौरा" शामिल था.
अगले कुछ दिनों तक निखिल गुप्ता ने CC-1 और CS के साथ मिलकर काम किया और "NY ग्रुप" के लिए पेमेंट की व्यवस्था की. इलेक्ट्रॉनिक मैसेज के माध्यम से CS के साथी होने का दावा करने वाले UC के साथ सीधे संपर्क में रखा गया.
CC-1 ने गुप्ता को आगे संदेश भेजा और कहा, "आइए टीम को काम पर लगाएं और इस सप्ताह के अंत में इसे (हत्या को) अंजाम दें," जिसका गुप्ता ने सकारात्मक जवाब दिया.
CC-1 के सहयोगियों में से एक, जिसे अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस के अभियोग में "इंडिविजुअल -2" कहा गया है, ने अग्रिम भुगतान करने के लिए मैनहट्टन में UC से मुलाकात की. UC यानि अंडर कवर ने गुप्ता और "इंडिविजुअल-2" के साथ एक वीडियो कॉल भी की, जहां इस जोड़ी ने "भारत में गुप्ता के लोकेशन " के बारे में बात की. एडवांस पेमेंट की पुष्टि CC-1 को भेजी गई, जिसने उत्तर दिया:
प्रेस रिलीज में कथित पेमेंट की एक इमेज भी शामिल थी.
अभियोग के मुताबिक, निखिल गुप्ता ने "विशेष रूप से और बार-बार" CS को "संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के उच्च स्तरीय अधिकारियों के बीच प्रत्याशित बातचीत के दौरान" पन्नु की हत्या करने से परहेज करने को कहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून से संयुक्त राज्य अमेरिका की चार दिवसीय भव्य यात्रा पर थे, जहां मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बातचीत की और सिलिकॉन वैली के कुछ शीर्ष CEO के साथ बातचीत की.
निखिल गुप्ता ने अपने कथित सहयोगियों को पन्नू के साथ उनकी "योजनाबद्ध प्रतिबद्धताओं" जैसे कुछ और काम दिलाने का वादा किया.
गुप्ता को भी कथित भारतीय सरकारी स्टाफ से भी इसी तरह के निर्देश मिले थे.
11 जून को, "CC-1 ने गुप्ता को निर्देश दिया कि वह उच्च-स्तरीय अमेरिकी और भारतीय सरकारी अधिकारियों के बीच बातचीत के तुरंत बाद या उसके दौरान टार्गेट (पन्नू) की हत्या न करें.”
11 जून को निखिल गुप्ता ने CC-1 को "अतिरिक्त कथित तस्वीरें" भेजा जिसके बाद कथित भारतीय सरकारी स्टाफ ने उन्हें बताया:
CS और UC के साथ निखिल गुप्ता के कम्यूनिकेशन के दौरान, उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि भारत से हत्या की साजिश का निर्देशन करने वाले उनके सह-साजिशकर्ताओं के पास व्यापक संसाधन थे और वे प्लान के आगे बढ़ने की बारीकी से निगरानी कर रहे थे.
UC ने 12 जून को गुप्ता से वीडियो कॉल पर भी बात की, उस समय गुप्ता एक कॉन्फ्रेंस रूम में बिजनेस ड्रेस में तीन अन्य लोगों के साथ बैठे थे. गुप्ता ने कथित तौर पर यूसी को बताया था, "हम सभी आप पर भरोसा कर रहे हैं."
गुप्ता ने यूसी को "हमारे दोस्तों सीसी-1 का एक संदेश" भी भेजा, जिसमें उन्हें पन्नू का "उस समय तक पीछा करने का निर्देश दिया गया था जब तक वह अपने घर या किसी अन्य आखिर स्थान तक चला नहीं जाता है ."
12 जून को एक फोन कॉल पर CS से बात करते हुए, गुप्ता ने कनाडा में एक "बड़े टार्गेट” का उल्लेख किया और कुछ दिनों बाद CS से कहा, कि "हमें कनाडा में भी एक अच्छी टीम की आवश्यकता होगी..."
महत्वपूर्ण बात यह है कि 16 जून को निखिल गुप्ता ने CS को बताया:
18 जून को, नकाबपोश बंदूकधारियों ने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तान टाइगर के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी. वो हत्या जिसके बारे में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि इसे "भारत सरकार के एजेंटों" ने अंजाम दिया था. एक दिन बाद CS के साथ बातचीत में, गुप्ता ने पुष्टि की कि निज्जर कनाडाई टार्गेट था, जिसका उन्होंने पहले जिक्र किया था.
निज्जर की हत्या के दिन, कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी ने निखिल गुप्ता को निज्जर के शव की एक वीडियो क्लिप भेजी.
इस बीच, 52 वर्षीय निखिल गुप्ता ने UC को यह भी बताया कि निज्जर भी " टार्गेट’ में था लेकिन लिस्ट में उसका नंबर "#4, #3" था. उन्होंने आगे कहा कि "अच्छी खबर यह है: अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है."
19 जून को, उच्च स्तरीय भारत-अमेरिका वार्ता समाप्त होने तक पन्नू की हत्या की साजिश को रोकने के पहले के निर्देशों से हटते हुए, गुप्ता ने सीएस से कहा कि उनके सहयोगी UC को "यह काम खत्म करना चाहिए" और कहा कि उनके सहयोगियों को यह समझना चाहिए कि निज्जर की हत्या के बाद पन्नू अधिक सावधान हो गया होगा.
अभियोग में ऐसा कहा गया है कि CC-1 ने निखिल गुप्ता को पन्नू के बारे में एक आर्टिकल भी भेजा और कहा कि, "अब यह [एक] प्राथमिकता है," . इसके बाद, गुप्ता ने CS को "जल्दी से" पन्नू की हत्या करने का "मौका ढूंढने" को कहा.
उन्होंने जोर देकर कहा कि 29 जून के बाद, "हमें चार काम खत्म करने हैं." अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि चार कामों में पन्नू की हत्या और कुछ ही समय बाद "कनाडा में तीन टार्गेट" का जिक्र था.
जैसे-जैसे साजिश गहरी होती गई, CC-1, गुप्ता और UC ने पन्नू के लोकेशन के बारे में बातचीत शुरू कर दी, उसकी हत्या के लिए "आगे बढ़ने" से पहले उसके आवास के अंदर उसकी उपस्थिति को वैरिफाई करने की कोशिश की.
24 जून को, सीसी-1 ने गुप्ता को निर्देश दिया कि उन्हें पहले उल्लिखित GPS एप्लिकेशन के माध्यम से पन्नु की इमेज हासिल करनी होगी, और कहा, "अब यह स्पष्ट है कि आगे बढ़ें. यदि वे लोकेशन भेज रहे हैं तो हम आपकी टीम की मदद भी कर सकेंगे"
गुप्ता ने बाद में UC को संदेश भेजा और उसे केवल एप्लिकेशन के माध्यम से "जीपीएस के साथ पन्नु के निवास के पास के क्षेत्र की तस्वीरें" प्रसारित करने का निर्देश दिया, जो 25 जून को भारतीय नागरिक और कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी को भेजी गईं. .
अगले दिन, पन्नून के पड़ोस की और तस्वीरें गुप्ता को भेजी गईं, जिन्हें उन्होंने CC-1 को भेज दिया, जिसने बदले में गुप्ता को पन्नू के चार "कार्यालय" और "व्यक्तिगत" टेलीफोन नंबर भेजे.
अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के कारण, अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने कहा कि चेक अधिकारियों ने अमेरिका के अनुरोध पर 30 जून को गुप्ता को गिरफ्तार किया और हिरासत में लिया.
अभियोग के अनुसार, उन पर, अन्य ज्ञात और अज्ञात लोगों के साथ, पैसे देकर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था, क्योंकि उन्होंने पीड़ित की हत्या करने के लिए भारत से हिटमैन को नियुक्त करने के लिए एक साजिश को अंजाम दिया था."
दोनों आरोपों में अधिकतम 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है और सुनवाई के बाद न्यायाधीश इसे तय करेंगे.
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