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जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की चिंताओं के बीच, भारत से लेकर कनाडा (Canada) तक हीटवेव (Heatwave) ने लोगों का जीना बेहाल किया हुआ है. उत्तरी और भारत के कई राज्य लू के थपेड़े झेल रहे हैं, तो वहीं अमेरिका और कनाडा के कुछ इलाकों में हीटवेव से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है. कनाडा का ब्रिटिश कोलंबिया इस हीटवेव से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां अब तक करीब 500 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, अमेरिका का वॉशिंगटन और ओरेगन भी गर्मी से बुरी तरह जूझ रहा है.
हीटवेव ने पेसिफिक नॉर्थवेस्ट को दिनों तक भुनाया है, और कनाडा में गर्मी के रिकॉर्ड तोड़ रहा है, जिससे सैकड़ों-हजारों लोग राहत के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया, और अमेरिका के वॉशिंग्टन और ओरेगन में सैकड़ों मौतें हीटवेव के कारण हुई हैं.
कनाडा के आसमान में बने हीटडोम के कारण गर्मी ने 10,000 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में पारा 49.44 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया है. ब्रिटिश कोलंबिया की मुख्य कोरोनर लिसा लापोइंटे ने 1 जुलाई को कहा कि 25 जून से 30 जून के बीच, प्रांत में 486 लोगों की मौत हुई है. इस अवधि में आमतौर पर लगभग 165 मौतें रिकॉर्ड की जाती हैं.
कनाडा के मौसम विभाग की मानें, तो ब्रिटिश कोलंबिया का रिकॉर्ड, अब अमेरिका के लास वेगास में दर्ज किए गए अब तक के सबसे उच्चतम तापमान से भी अधिक है. यह हीटवेव कनाडा से लेकर अमेरिका तक फैली हुई है.
अमेरिका के वाशिंगटन और ओरेगन में भी रिकॉर्ड तापमान का अनुभव किया जा रहा है. ओरेगन के राज्य चिकित्सा परीक्षक के कार्यालय ने बुधवार को पांच दिनों में कम से कम 63 मौतों को राज्य में भीषण गर्मी के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिसमें मुल्नोमा काउंटी में 45 मौतों शामिल हैं, जहां तापमान रिकॉर्ड 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया.
भारत के कई इलाके इस हीटवेव की चपेट में हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत को अभी इस गर्मी से राहत नहीं मिलेगी.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, बढ़ते तापमान के बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के लोगों को मॉनसून की बारिश के लिए कम से कम एक हफ्ते इंतजार करना होगा. विभाग का कहना है कि हीटवेव के कारण मॉनसून रुक गया है और अपने निर्धारित समय से पीछे चल रहा है.
भीषण गर्मी के चलते 30 जून को दिल्ली का तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस साल शहर का अब तक का सबसे अधिक तापमान है. दिल्ली के ऑफिशियल मार्कर, सफदरजंग ऑब्जर्वेटरी में अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री अधिक दर्ज किया गया. IMD के मुताबिक, शुष्क और गर्म पश्चिमी हवाओं के कारण उत्तर पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की संभावना है.
हीट डोम की वजह से गर्मी वायुमंडल में ज्यादा फैलती है और दबाव और हवा के पैटर्न को प्रभावित करती है. गर्म हवा का यह ढेर उच्च दबाव वाले क्षेत्र में फंस जाता है. इससे आसपास की हवा और भी ज्यादा गर्म हो जाती है. यह बाहर की हवा को अंदर आने नहीं देता और अंदर की हवा को गरम बनाए रखता है.
हीटवेव अत्यधिक गर्म मौसम के कारण होती है, जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिनों तक रहती है. जब तापमान किसी दिए गए क्षेत्र के ऐतिहासिक औसत से ज्यादा हो जाता है, तो उसे हीटवेव कहते हैं.
IMD के मुताबिक, जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो हीटवेव चलने लगती हैं. अगर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है. तटीय क्षेत्रों में जब तापमान 37 डिग्री सेल्सियस हो जाता है तो हीटवेव चलने लगती है.
फोरकास्टर्स का कहना है कि पेसिफिक नॉर्थवेस्ट में अगले हफ्ते तक तापमान गर्म रहेगा.
भारत के मौसम विभाग के मुताबिक, पाकिस्तान से आने वाली शुष्क पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण हीटवेव पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान को अगले दो-चार दिन तक सता सकती है.
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