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हॉन्गकॉन्ग में सैकड़ों प्रदर्शनकारी सोमवार शाम वहां की संसद भवन में घुस गए और इमारत में तोड़फोड़ की. साथ ही दीवारों पर पेंटिंग कर दिया. 1 जुलाई के ही दिन हॉन्गकॉन्ग को चीन को सौंपा गया था. अब खबर है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपट रही है. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, पानी की फुहार और लाठी चार्ज का इस्तेमाल कर रही हैं. पुलिस ने लोगों से प्रदर्शन में शामिल न होने की चेतावनी भी दी है.
ऐसे में लोग यहां प्रदर्शन कर रहे हैं और राजनीतिक अव्यवस्था गहराई है. बता दें कि यहां कि सरकार चीन को प्रत्यर्पण करने के लिए एक विधेयक लेकर आई है जिसका तीन हफ्तों से बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. हालांकि इस विधेयक को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
1 जुलाई की दोपहर लोकतंत्र समर्थक हजारों लोगों ने शांति मार्च निकाला और ये मांग की कि शहर के बीजिंग समर्थक नेता इस्तीफा दें. रैली में कुछछ नकाबपोश युवा भी घुस आए और पुलिस के साथ टकराव किया और संसद की सुरक्षा को तोड़कर अंदर घुस गए.संसद के अंदर घुसने के बाद उन्होंने शहर के नेता की तस्वीर को फाड़ दिया. और मुख्य कक्ष में ब्रिटेन के औपनिवेशिक काल का झंडा लहरा दिया, दीवारों को रंग दिया. वहां के हालात देखकर ऐसा लग रहा था मानो पुलिस ने घुटने टेक दिए है.
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वो कार्रवाई करने को मजबूर हैं क्योंकि शहर के बीजिंग परस्त नेताओं ने प्रत्यर्पण कानून के खिलाफ मार्चों के बाद जन भावनाओं को नजरअंदाज किया. 26 साल के एक प्रदर्शनकारी जोइए ने एएफपी से कहा, ‘‘ हमने मार्च निकाले, धरने दिए लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा.’’उन्होंने कहा, ‘‘ हम सरकार को दिखाना चाहते हैं कि हम हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रहेंगे.’’
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि ये कानून का उल्लंघन है लेकिन हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था.’’
हॉन्गकॉन्ग में इस बात का अंदेशा है कि शहर के बीजिंग परस्त नेताओं के साथ मिलकर चीन शहर की स्वतंत्रता को कम कर रहा है. इस बीच सरकार ने एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारियों के संसद भवन में घुसने की आलोचना की और प्रदर्शनकारियों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. बयान में कहा गया है कि हिंसा करके प्रदर्शनकारी ‘लेजिस्लेटिव काउंसिल कॉम्प्लैक्स में घुस गए हैं. हॉन्गकॉन्ग को एक जुलाई 1997 को ब्रिटेन ने चीन को वापस कर दिया था और ‘एक देश, दो व्यवस्था’ के तहत यहां शासन व्यवस्था है. हांगकांग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम ने सोमवार तड़के झंडा रोहण समारोह में हिस्सा लिया.
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