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भारत में दो कोरोना वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की Covishield और भारत बायोटेक की Covaxin को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. मंजूरी से पहले कई राज्यों में वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया गया था. भारत जल्दी ही प्राथमिकता समूहों को वैक्सीन देना शुरू करेगा. हालांकि, दुनिया के कई देशों में ये काम काफी पहले शुरू हो चुका है और दुनियाभर में अभी तक 12 मिलियन से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं.
ब्लूमबर्ग ने जो डेटा इकट्ठा किया है, उसके मुताबिक 30 देशों में अब तक 12 मिलियन से ज्यादा COVID-19 वैक्सीन डोज लोगों को दी चुकी है. ये इतिहास का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कैंपेन है.
पूरा साल 2020 कोरोना वायरस महामारी के साये में बीता था. हालांकि, साल के अंत में कई देशों ने अलग-अलग कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी. अधिकतर देशों में वैक्सीनेशन कैंपेन की शुरुआत हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को डोज दिए जाने से हुई है.
अमेरिका में कोरोना वैक्सीनेशन 14 दिसंबर को हेल्थ केयर वर्कर्स के साथ शुरू हुआ था. ब्लूमबर्ग और CDC के मुताबिक, अभी तक अमेरिका में 4 मिलियन से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं.
फाइजर की कोरोना वैक्सीन को 31 दिसंबर 2020 को WHO ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी थी. इस वैक्सीन को यूनाइटेड किंगडम ने 8 दिसंबर को सबसे पहले मंजूरी दी थी. इसके बाद अमेरिका, कनाडा और यूरोप के कई देशों ने ऐसा ही किया था. हालांकि, WHO की मंजूरी से विकासशील देशों को मदद मिलेगी.
फाइजर वैक्सीन को मिडिल ईस्ट में भी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. कुल मिलाकर करीब 30 देशों में वैक्सीनेशन कैंपेन शुरू हो चुका है.
महामारी से राहत पाने के लिए कई देशों ने महीनों पहले वैक्सीन कंपनियों के साथ डील फाइनल कर ली थी. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 8.25 बिलियन डोज की डील पहले ही हो चुकी है.
अमीर देशों ने अपनी कोल्ड-स्टोरेज फैसिलिटी को और मजबूत किया है और दो-तीन वैक्सीन कैंडिडेट खरीद लिए हैं. जबकि कुछ देशों तक वैक्सीन पहुंचने में 2022 या उससे भी ज्यादा समय लग सकता है.
दर्जनों देश वैक्सीन के लिए Covax पर निर्भर करेंगे. ये WHO का एक कंसोर्टियम है, जो वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन सुनिश्चित करेगा. लातिन अमेरिका के ज्यादातर देशों में सस्ती वैक्सीन डिलीवर करने के लिए मेक्सिकन बिलेनियर कार्लोस स्लिम ने एक डील की है.
भारत के ड्रग रेगुलेटर ने Covishield और Covaxin के सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. लोगों को इन दोनों वैक्सीन की दो-दो खुराकें लेनी होंगी.
Covishield को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने बनाया है और इसके लिए AstraZeneca और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है. वहीं भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से Covaxin को तैयार किया है.
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