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I2U2 शिखर सम्मेलन का आज पहली बार आयोजन हो रहा है. ‘आई2यू2’ समूह (I2U2 Group) में भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमेरिका शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) वर्चुअली इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden), इजरायल के नए प्रधानमंत्री यायर लापिड (Yair Lapid) और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भी सम्मेलन में शामिल हैं. चलिए आपको बतातें हैं कि I2U2 क्या है? इस समूह का क्या उद्देश्य है? इसे क्यों पश्चिम एशिया का QUAD कहा जा रहा है?
I2U2- भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमेरिका का एक समूह है. इस समूह में 'आई 2' इंडिया और इजरायल के लिए है. वहीं 'यू 2' यूएस और यूएई के लिए है. चारों देशों की पहल के बाद अक्टूबर 2021 में इसका गठन हुआ था. पहले सम्मेलन में भारत, अमेरिका, इजरायल और यूएई खाद्य सुरक्षा संकट और आपसी सहयोग समेत कई और मुद्दों पर बातचीत करेंगे.
I2U2 का मुख्य उद्देश्य निवेश और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है. चारों देशों के बीच 6 अलग-अलग क्षेत्रों में संयुक्त निवेश बढ़ाने पर चर्चा होगी.
जल
ऊर्जा
परिवहन
अंतरिक्ष
स्वास्थ्य
खाद्य सुरक्षा
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि 'निजी क्षेत्र के फंड और विशेषज्ञता' की मदद से सभी देश बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करेंगे, उद्योगों के लिए कम कार्बन उत्सर्जन के रास्ते तलाशेंगे, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करेंगे और महत्वपूर्ण उभरती और ग्रीन टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा देंगे.
यह समूह इजरायल सहित पश्चिम एशिया के देशों के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव की ओर भी इशारा करता है. पिछले कुछ सालों में पीएम मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में पश्चिम एशिया के देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत हुए हैं. दो हफ्ते पहले G7 शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी ने UAE का दौरा किया था. वहीं इससे पहले मई में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) भी UAE गए थे.
I2U2 का मतलब भारत, इजराइल, UAE और और अमेरिका है. भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अहमद अल्बन्ना ने इसे 'पश्चिम एशियाई क्वाड' कहा था. इसकी वजह 2021 में हुई बैठक के मुद्दे हैं. उस दौरान भारत, अमेरिका, इजरायल और यूएई ने समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचा विकास, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और परिवहन से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की थी.
हालांकि, उस समय औपचारिक रूप से इस समूह को वेस्ट एशिया क्वाड के रूप में मान्यता नहीं दी गई. इसका एक बड़ा कारण 'क्वाड' नाम से चीन की चिढ़ हो सकती है.
अक्टूबर 2021 में इजरायल में I2U2 की पहली बैठक हुई थी. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अन्य तीन देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए थे. उस समय इस समूह को 'आर्थिक सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच' का नाम दिया गया था.
वहीं इस साल I2U2 समूह की बैठक में खाद्य सुरक्षा संकट और अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.
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