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पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. ECP ने इमरान खान को तोशाखाना मामले में भ्रष्ट आचरण करने का दोषी पाया है. ECP ने शुक्रवार यानी 21 अक्टूबर को यह भी घोषणा की है कि इमरान खान अब संसद के सदस्य नहीं हैं. ECP के फैसले के अनुसार, इमरान खान के खिलाफ भ्रष्ट आचरण के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी. इमरान खान की पार्टी का कहना है कि वो चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने इस्लामाबाद में ECP सचिवालय में फैसले की घोषणा की. यह फैसला पांच सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से लिया. हालांकि, पंजाब के सदस्य आज की घोषणा के लिए मौजूद नहीं थे. फैसले के मुताबिक गलत बयान देने पर इमरान के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी.
अगस्त में गठबंधन सरकार ने इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना उपहारों और उनकी कथित बिक्री से प्राप्त आय के ब्यौरा साझा नहीं करने के लिए याचिका दायर की थी.
बता दें, तोशखाना को साल 1974 में स्थापित किया गया था. यह कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण में एक विभाग है. यहां शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को जमा करना होता है.
तोशाखाना नियमों के अनुसार, जिन व्यक्तियों पर ये नियम लागू होते हैं, उन्हें उपहार और अन्य ऐसी सामग्री मिलने की सूचना कैबिनेट डिवीजन को देने होती है. 8 सितंबर को ECP को सौंपे गए एक लिखित जवाब में इमरान खान ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त कम से कम चार उपहारों को बेचने की बात स्वीकार की थी.
फैसले की घोषणा के तुरंत बाद PTI नेता फवाद चौधरी ने ECP के बाहर मीडिया से बात करते हुए जनता से अपने अधिकारों के लिए अपने घरों से बाहर सड़कों पर आने की अपील की. उन्होंने ECP के फैसले को 22 करोड़ लोगों के मुंह पर तमाचा बताया. उन्होंने इस दौरान कहा कि आज क्रांति की शुरुआत है. उन्होंने कहा कि इमरान खान को कोई भी अयोग्य नहीं ठहरा सकता है, ये केवल जनता ही ऐसा कर सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि आज का फैसला नवाज शरीफ ने लिखा है और इस पर उनके नौकरों ने हस्ताक्षर किए हैं. फवाद चौधरी ने कहा कि लोग इस फैसले को नहीं मानेंगे.
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