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पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भी कश्मीर को लेकर प्रॉपेगैंडा चलाने की कोशिश की है. इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भड़काऊ भाषण दिया. खान ने कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है, वह मुस्लिमों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित करने वाला है. इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है, उसका असर दुनिया के 1.3 अरब मुसलमानों पर भी होगा.
आर्टिकल 370 हटाए जाने से बौखलाए इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू हटते ही खून-खराबा होगा.
कश्मीर पर प्रौपेगेंडा चलाने के दौरान इमरान खान ने परमाणु जंग की भी धमकी दे डाली. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगर हम परमाणु जंग की ओर बढ़ते हैं तो संयुक्त राष्ट्र जिम्मेदार होगा. इसीलिए 1945 में संयुक्त राष्ट्र का गठन हुआ था. आपको इसे रोकना होगा. अगर दोनों देशों के बीच जंग छिड़ती है तो कुछ भी हो सकता है. लेकिन, आप सोचें कि अगर कोई देश अपने पड़ोसी देश के मुकाबले 7 गुना छोटा है तो फिर उसके सामने क्या विकल्प है. खुद को सरेंडर करना या फिर लड़ते हुए मरना. हम लड़ने का रास्ता अख्तियार करेंगे.'
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने संबोधन के दौरान इमरान खान ने कश्मीर राग अलापा. इमरान खान ने कहा कि मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है, जिसके चलते वो हथियार उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम के नाम पर युवक हथियार नहीं उठा रहे हैं, बल्कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए हथियार उठा रहे हैं.
खान ने कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है, वह मुस्लिमों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित करने वाला है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है, उसका असर दुनिया के 1.3 अरब मुसलमानों पर भी होगा.
इमरान खान ने अपने भाषण में इस्लामोफोबिया पर भी बात की. उन्होंने कहा, ‘9/11 के हमले के बाद से इस्लामोफोबिया बढ़ा है और यह खतरनाक है. यह विभाजन पैदा कर रहा है.’
खान ने कहा, ‘मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब पहनना भी समस्या बन गई है. इसे एक हथियार के रूप में देखा जाता है. ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि कुछ पश्चिमी नेताओं ने आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ दिया है. 9/11 के बाद पूरी दुनिया में इस्लामोफोबिया का ऐसा असर है कि हिजाब पहने भर से ही शक की निगाह से देखा जाने लगता है. हिजाब को भी हथियार मान लिया गया है.’
इमरान खान ने कहा, ‘9/11 के बाद तो "कट्टरपंथी इस्लाम" के खिलाफ वॉर शुरू हो गई, जबकि मुस्लिम नेता पश्चिम देशों को यह समझाने की कोशिश करते रहे कि कट्टरपंथी इस्लाम जैसी कोई चीज नहीं है.’
पाकिस्तानी प्रधानमंंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से मुस्लिम नेता दुनिया को यह समझाने में नाकाम रहे कि कट्टरपंथी इस्लाम जैसी कोई चीज नहीं है.
इमरान खान ने कहा, ‘9/11 के आत्मघाती हमलों के बाद ऐसी थ्योरी गढ़ी गई कि आत्मघाती हमलों को अंजाम इसलिए दिया जाता है क्यों कि आत्मघाती हमला करने वालों को जन्नत में हूरें नसीब होती हैं. इस तरह की बातें कर आत्मघाती हमलों को इस्लाम से जोड़ा गया.’
इमरान ने आरोप लगाया, ‘सबसे ज्यादा तमिल टाइगर्स ने आत्मघाती हमले किए और वे हिंदू थे. लेकिन किसी ने भी तमिल टाइगर्स आत्मघाती हमलों के बारे में जानने की जहमत नहीं उठाई. किसी ने भी धर्म को दोष नहीं दिया.’
बौखलाए इमरान खान ने कहा कि कोई हिंदुओं को क्यों नहीं जिम्मेदार ठहराता है?
इमरान खान ने दो देशों के खराब संबंधों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया. इमरान खान ने कहा, ‘क्रिकेट की वजह से भारत में मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं. मुझे हमेशा भारत जाना पसंद था. इसलिए मेरा पहला कदम मोदी तक पहुंचना था. मैंने कहा कि हम मतभेदों को दूर करते हैं. अपने अतीत को पीछे छोड़कर हम हमारे लोगों के लिए काम करते हैं. क्योंकि हमारे पास समान समस्याएं हैं. लेकिन भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.’
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा-
इमरान खान ने कहा, ‘मैंने भारत से कहा कि वह हमें कोई सबूत दे, हम कार्रवाई करेंगे. लेकिन पुलवामा हमले में किसी भी पाकिस्तानी की कथित संलिप्तता के सबूत साझा करने के बजाय उन्होंने हमें बम से उड़ाने की कोशिश की. हमने जवाबी कार्रवाई की. हमने उनके पायलट को पकड़ लिया. लेकिन अगले दिन उसे लौटा दिया क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि बात आगे बढ़े.’
अपने भाषण में इमरान खान ने पीएम मोदी और आरएसएस को भी निशाने पर लिया. खान ने कहा, ‘चुनाव प्रचार में मोदी ने कहा, "ये तो सिर्फ ट्रेलर था. फिल्म आना अभी बाकी है." हमने सोचा कि चुनाव बाद हम एक सामान्य रिश्ते में वापस जाएंगे. लेकिन बात वो नहीं थी. चुनावों के बाद, हमने महसूस किया कि भारतीय हमें आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के लिए FATF ब्लैकलिस्ट कराने की कोशिश कर रहे थे. तब हमें पता चला कि ये एक एजेंडा था.’
खान ने कहा, ‘इसके बाद भारत ने आर्टिकल 370 खत्म कर दिया गया, जो कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था. उन्होंने कश्मीर में सैनिकों की संख्या बढ़ा दी और 8 मिलियन लोगों को कर्फ्यू में डाल दिया.’
इमरान खान ने पीएम मोदी और आरएसएस को घेरते हुए कहा, ‘मोदी आरएसएस के "आजीवन सदस्य" हैं. आरएसएस, हिटलर और मुसोलिनी से प्रेरित एक संगठन है. वे नस्लीय श्रेष्ठता में उसी तरह विश्वास करते थे जिस तरह से नाजी का आर्य जाति के वर्चस्व में विश्वास था.’
खान ने कहा, ‘ये सबको मालूम है कि RSS हिंदुओं को श्रेष्ठ बताने में विश्वास करता है. यह मुसलमानों और ईसाइयों से नफरत करता है. उनका मानना है कि हिंदू धर्म ने मुस्लिम शासन को खत्म किया. वे खुले तौर पर मुसलमानों और ईसाइयों के लिए घृणा रखते हैं.’
पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ‘आरएसएस की नफरत की इस विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी.’
उन्होंने कहा, ‘नफरत की इस विचारधारा ने गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए आरएसएस के गुंडों को 2000 मुसलमानों के कत्ल की इजाजत दे दी. कांग्रेस पार्टी ने बयान दिया था कि आरएसएस कैंपों में आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था. मोदी को अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति नहीं थी.’
इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर पर मुस्लिमों को उकसाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘अहंकार ने पीएम मोदी और बीजेपी को अंधा कर दिया है. इन्हें क्या लगता है, जब कश्मीर से कर्फ्यू हटेगा है तो क्या होगा? आपको लगता है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीरी नई व्यवस्था को स्वीकार करेंगे.’
खान ने कहा, ‘मोदी कहते हैं कि यह कश्मीर की समृद्धि के लिए किया गया है. लेकिन तब क्या होगा जब 8 मिलियन कश्मीरी कर्फ्यू से बाहर निकलेंगे और 900,000 सैनिकों का सामना करेंगे? मुझे डर है कि खूनखराबा होगा.’
इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के सामने कश्मीर मुद्दे पर दुनिया के देशों से साथ ना मिलने का भी रोना रोया. इमरान ने कहा,‘जब कर्फ्यू हटेगा तो क्या होगा? मोदी कहते हैं कि यह कश्मीर की समृद्धि के लिए किया गया है. लेकिन तब क्या होगा जब 8 मिलियन कश्मीरी तालाबंदी से बाहर निकलेंगे और 900,000 सैनिकों का सामना करेंगे? मुझे डर है कि खूनखराबा होगा.’
उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में जो हो रहा है, उसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र को भी दी गई. लेकिन दुनिया ने कुछ नहीं किया और भारत को एक बड़े बाजार के रूप में देखा. भौतिकवाद ने मानवता को छिन्न-भिन्न कर दिया है.’
इमरान खान ने कहा, ‘कश्मीरियों को जिस तरह से घरों में जानवरों की तरह कैद किया गया है. उनके राजनीतिक नेतृत्व को गिरफ्तार कर लिया गया है. 13,000 लड़कों को उठाकर अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया है. नौजवान पैलट की गोलियों से अंधे हो गए हैं. यह केवल कट्टरपंथ को बढ़ावा देगा.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे डर है कि एक और पुलवामा होगा और फिर भारत उसके लिए भी पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराएगा.’
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