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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा है कि वह नोबेल के काबिल नहीं है. उन्होंने कहा है कि जो भी कश्मीरियों की आकांक्षाओं के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का हल निकालेगा वही नोबेल के काबिल हो सकता है. ऐसा करके वह भारत और दक्षिण एशिया में शांति और तरक्की का रास्ता साफ कर देगा.
पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तानी कार्रवाई की जवाब में भारतीय एयरफोर्स के एक्शन के दौरान पीओके में फंस गए भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान को छो़ड़ने के ऐलान के बाद से ही इमरान के लिए शांति का नोबेल की मांग उठने लगी है. पाकिस्तान में सोशल मीडिया में इमरान को शांति का नोबेल पुरस्कार देने का अभियान चला.
इमरान खान को नोबेल का शांति पुरस्कार देने के लिए वहां की संसद में भी मांग उठी. संसद में इसके में प्रस्ताव पारित किया गया और कहा गया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की कोशिशों को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए.
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शनिवार को पाकिस्तान के निचले सदन नेशनल असेंबली के सचिवालय में यह प्रस्ताव सौंपा. प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को छोड़ने के फैसले से पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव दूर हुआ है. प्रस्ताव के मुताबिक इमरान ने तनाव के माहौल में बेहद संजीदगी के साथ इस मुद्दे को सुलझाया. उनका यह जिम्मेदाराना बर्ताव उन्हें शांति का नोबेल दिलाने की क्षमता रखता है. वह नोबेल नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं.
प्रस्ताव पर सोमवार को विचार होना था. लेकिन इमरान ने कहा कि वह नोबेल के काबिल नहीं है. नोबेल उसे मिलना चाहिए. ऐसा करके इमरान ने एक बार फिर कश्मीर का राग छेड़ दिया है. पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर का मुद्दा सुलझाए भारत के साथ उसके रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते. पाकिस्तान का कहना है कि भारत कश्मीर को बंदूकों के बल पर अपने साथ रखना चाहता है.
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