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UN मानवाधिकार विशेषज्ञों की मांग- कश्मीर में शटडाउन खत्म करे भारत

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत सरकार से मांग की है कि कश्मीर में अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदियों को खत्म किया जाए

क्‍व‍िंट हिंदी
दुनिया
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संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत सरकार से मांग की है कि कश्मीर में अभिव्यक्ति की आजादी पर लगी पाबंदियों को खत्म किया जाए
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संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत सरकार से मांग की है कि कश्मीर में अभिव्यक्ति की आजादी पर लगी पाबंदियों को खत्म किया जाए
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने गुरुवार को भारत सरकार से मांग की है कि कश्मीर में अभिव्यक्ति की आजादी, सूचना तक पहुंच और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार पर लगी पाबंदियों को खत्म किया जाए. विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है कि भारतीय संसद द्वारा जम्मू कश्मीर के लिए विशेष राज्य का दर्जा रद्द करने के बाद लगाए गए पाबंदियों से क्षेत्र में तनाव बढ़ जाएगा.

यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स - ऑफिस ऑफ द हाई कमिश्नर की वेबसाइट में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट्स में 4 अगस्त की शाम से जम्मू और कश्मीर में संचार ब्लैकआउट का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य में इंटरनेट एक्सेस, मोबाइल फोन नेटवर्क, केबल टीवी और कश्मीरी टेलीविजन चैनल के कनेक्शन काट दिए गए.

“बिना किसी औचित्य के सरकार की ओर से इंटरनेट और दूरसंचार नेटवर्क को बंद करना, जरूरत और आनुपातिकता के बुनियादी मानदंडों के साथ असंगत हैं. ये ब्लैकआउट बिना किसी प्रबल गुनाह करने के बावजूद जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए सामूहिक सजा का एक रूप है.”
- संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञ  

जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर चिंता

वेबसाइट में कहा गया है कि भारत सरकार ने आर्टिकल 370 और 35ए को रद्द करने के बाद जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही बड़ी तादाद में अर्धसैनिक बलों तैनाती कर दी गई है. सरकार ने कश्मीर घाटी में लोगों की आवाजाही की आजादी और शांतिपूर्ण तरीके से एक जगह पर इकठ्ठा होने की आजादी पर प्रतिबन्ध लगा दिया है. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, "हम भारतीय प्रशासन को याद दिलाते हैं कि भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध आंतरिक रूप से असंगत हैं"

विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें उन रिपोर्ट्स पर गहरी चिंता है कि सुरक्षा बल लोगों के घरों पर रात को छापेमारी कर रहे थे, जहां से युवा लोगों की गिरफ्तारी हो रही थी. विशेषज्ञों ने कहा, "इस तरह के प्रतिबंध मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन का कारण बन सकते हैं. आरोपों की पूरी जांच होनी चाहिए, और अगर पुष्टि होती है, तो जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."

वेबसाइट में कहा गया है कि पता चला है कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक लोगों, पत्रकारों, मानवाधिकार के लिए काम करने वाले लोगों, प्रदर्शनकारियों और अन्य लोगों की गिरफ्तारी में बढ़ोतरी हुई है.

देखें वीडियो- श्रीनगर ग्राउंड रिपोर्ट 16: ‘हमें अब और बच्चों को नहीं खोना’

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कश्मीर मुद्दे को UNHRC में उठाने की तैयारी में पाकिस्तान

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने बुधवार को कहा था कि इस्लामाबाद कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में उठाने की योजना बना रहा है. कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान मामलों की सीनेट कमेटी को फैसल ने अवगत कराया कि यूएनएचआरसी फोरम के इस्तेमाल सहित विभिन्न विकल्पों को लेकर चर्चा की जा रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए उपलब्ध दूसरा विकल्प मुद्दे को इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में उठाने का है.

देखें वीडियो - श्रीनगर ग्राउंड रिपोर्ट 15:पाबंदियों के बीच लोकल पत्रकारों का दर्द

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