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कनाडा (Canada) ने 18 सितंबर को एक टॉप भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निकाल दिया. इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या और भारत सरकार के बीच संभावित कनेक्शन का दावा किया था. कनाडा के बाद भारत ने भी 19 सितंबर को कनाडा के राजनयिक को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा की तरफ से लगाए गए आरोपों को बेतुका बताया था.
ऐसे में आइए जानते हैं कि इतिहास के पन्नों में भारत और कनाडा के बीच कैसे संबंध रहे हैं.
भारत और कनाडा दोनों राष्ट्रमंडल (Commonwealth) के सदस्य रहे हैं. कनाडा को 1867 में स्वतंत्रता मिली, जबकि भारत 1947 में एक आजाद मुल्क बना. 1947 से ही दोनों देशों के बीच एक विशेष संबंध रहा है और दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम किया है.
कनाडा और भारत के बीच कई मसलों पर मतभेद भी थे. कनाडा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का संस्थापक सदस्य रहा है, जो शीत युद्ध की समाप्ति और सोवियत संघ के विघटन के बाद भी एक सैन्य गठबंधन के रूप में जिंदा है.
1974- पहला परमाणु परीक्षण: 18 मई 1974 को भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण राजस्थान के पोखरण में किया था.
NY Time की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पहले परमाणु परीक्षण पर कनाडाई सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री पियरे इलियट ट्रूडो ने दोनों देशों के बीच 1971 में हुई सहमति का उल्लंघन बताया था.
1998- दूसरा परमाणु परीक्षण: इसके बाद मई 1998 में भारत ने पोखरण में ही अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया. इससे पहले दुनिया ने पिछले वर्षों के अमेरिका और सोवियत संघ के शीत युद्ध की तरह भारत और पाकिस्तान के बीच हथियारों की एक नई दौड़ शुरू होते देखी थी. कनाडा में बने रिएक्टरों के रूप में अहम टेक्नोलॉजी प्रदान करने के लिए आलोचकों ने फिर से कनाडा को दोषी ठहराया, जैसा कि उन्होंने 1974 में किया था.
लेकिन इसको कनाडा के प्रधानमंत्री जीन क्रेटियेन ने खारिज कर दिया और जोर देकर कहा कि भारत के नवीनतम विस्फोटों के लिए कनाडा की कोई जिम्मेदारी नहीं है क्योंकि 1974 की तकनीक पूरी तरह से पुरानी है.
उस वक्त के तत्कालीन कनाडाई प्रधान मंत्री क्रेटियेन ने कहा था कि...
इसके बाद कनाडा ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया था और सभी गैर-मानवीय सहायता को रद्द करने में दूसरों के साथ शामिल हो गया.
वह भारत को सभी सैन्य सहयोग और सैन्य बिक्री रोकने में अमेरिका के साथ शामिल हो गया. प्रधानमंत्री क्रेटियन ने जी-8 शिखर सम्मेलन से पहले ब्रिटेन की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान ऐलान किया था कि
कनाडा में भारत के पंजाब के सिखों की आबादी सबसे ज्यादा है. पिछले दिनों कनाडा में कई भारत विरोधी प्रदर्शन हुए. हाल के कुछ महीनों में भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए. इस बीच कुछ ऐसी घटनाएं हुई, जिनसे दोनों देशों के रिश्तों पर बुरा असर हुआ है.
पिछले साल, कनाडा में कुछ हिंदू मंदिरों को क्षतिग्रस्त किया गया था. भारत ने इस मुद्दे को उठाया और खालिस्तानी समूहों पर इसका आरोप लगाया.
जून 2023 में कनाडा के ब्रैम्पटन में एक परेड का आयोजन किया गया था. इसमें भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को निशाना बनाने वाली मूर्तियां और तख्तियां प्रदर्शित की गईं. इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसके लिए कनाडा पर हमला बोला था.
जून में कनाडा ने एक बार फिर भारत पर उसकी घरेलू राजनीति में दखल देने का आरोप लगाया था.
फरवरी 2022 में खालिस्तानी समर्थकों की आलोचना करने वाले एक इंडो-कनाडाई रेडियो होस्ट दीपक पुंज पर हमला किया गया था
मार्च 2022 में भारत की 25 वर्षीय हरमनदीप कौर की हत्या कर दी गई.
अप्रैल 2022 में टोरंटो में 21 साल के भारतीय छात्र कार्तिक वासुदेव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
जुलाई 2022 में, रिचमंड हिल में एक विष्णु मंदिर में महात्मा गांधी की मूर्ति को अपवित्र किया गया था.
अगस्त 2022 में एक भारतीय रेडियो होस्ट जोती सिंह मान पर तीन लोगों ने बेरहमी से हमला किया था. भारत सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की.
पिछले दिनों कनाडा में भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाते हुए कई भारत विरोधी पोस्टर लगाए गए थे. ऐसा ही एक पोस्टर कनाडा के एक शहर वैंकूवर (Vancouver) में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर लगाया गया था.
ये पोस्टर कथित तौर पर खालिस्तानी समूहों द्वारा लगाए गए थे. पोस्टर में कनाडा में भारतीय राजनयिकों के चेहरे पर 'वॉन्टेड' लिखा हुआ था.
इसके बाद 1 सितंबर को कनाडा ने भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार संधि पर बातचीत रोक दी. दोनों देश पिछले कुछ सालों से इस व्यापार समझौते पर काम कर रहे थे.
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार सिखों के लिए स्वतंत्र राज्य की मांग कर रहे खालिस्तानी समूहों द्वारा आयोजित 'जनमत संग्रह' का लगातार विरोध कर रही है. भारत सरकार ने दावा किया कि कनाडा सरकार ने खालिस्तानियों को खुली छूट दे दी है, जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. ऐसा ही एक जनमत संग्रह तब आयोजित किया गया था, जब जस्टिन ट्रूडो जी20 बैठक के लिए भारत में थे.
भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में उठा-पटक नजर आने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. पिछले हफ्ते, नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के बाद, कनाडा ने भारत के लिए एक व्यापार मिशन स्थगित कर दिया, जिस पर अक्टूबर में सहमति बनने वाली थी.
Business Today की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल कहा कि
रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंध 100 अरब डॉलर के हैं, जिसमें 70 अरब डॉलर का कनाडाई पोर्टफोलियो निवेश शामिल है.
भारत कनाडा का दसवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और एक व्यापार सौदे की योजना एक दशक से ज्यादा समय से ठंडे बस्ते में है.
Statistics Canada के मुताबिक 2022 में, दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार कनाडाई व्यापार के कुल 1.52 ट्रिलियन कनाडियन डॉलर में से 13.7 बिलियन डॉलर था.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार में हाल के वर्षों में अहम बढ़ोतरी देखी गई है, जो 2022-23 में 8.16 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
कनाडा को भारत के निर्यात (4.1 बिलियन डॉलर) में फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण, कपड़ा और मशीनरी शामिल हैं. दूसरी ओर कनाडा के द्वारा भारत को किए गए निर्यात (4.06 बिलियन डॉलर) में दालें, लकड़ी, लुगदी और कागज और खनन उत्पाद शामिल हैं.
World Bank के आंकड़ों के मुताबिक भारत को वित्त वर्ष 2022 में कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिगों द्वारा लगभग 859.83 मिलियन डॉलर प्राप्त हुआ.
रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा और भारत के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement-CEPA) में द्विपक्षीय व्यापार को 6.5 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की क्षमता है, जिससे 2035 तक कनाडा के GDP में 3.8 बिलियन डॉलर से 5.9 बिलियन डॉलर की अनुमानित बढ़ोतरी होगी.
कनाडा के बारे में इन्वेस्ट इंडिया पेज से पता चलता है कि अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक लगभग 3,306 मिलियन डॉलर के कुल निवेश के साथ कनाडा, भारत में 17वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है. भारत में कनाडा का निवेश कुल FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) का लगभग 0.5 प्रतिशत है.
दूसरी ओर, भारत 2022 में कनाडा का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. कनाडा से भारत में कुल FDI निवेश में सेवाओं और बुनियादी ढांचे का योगदान 40.63 प्रतिशत था.
कैनेडियन पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) ने भारत में कई निवेश किए हैं. हालिया फाइलिंग से पता चलता है कि ये निवेश कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हैं.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और कनाडा के बीच ताजा तनाव से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि आर्थिक संबंध व्यावसायिक विचारों से प्रेरित होते हैं.
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने PTI से बात करते हुए कहा है कि कनाडा के पेंशन फंड भारत के बड़े बाजार में निवेश किए गए हैं और अच्छे रिटर्न के आधार पर भारत में निवेश जारी रखेंगे.
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