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एक रिसर्च के मुताबिक चीन (China) की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा लद्दाख सेक्टर में LAC को लेकर विवाद खड़ा करने के एस साल पहले से ही चीन ने अपने अधिकारियों को भारतीय पक्ष पर नजर रखने के लिए अपनी सीमा पर बसे गांवों का उपयोग करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया था.
हिंदुस्तान टाइम्स (एचटी) की रिपोर्ट के मुताबिक यह रिसर्च तिब्बत के रिसर्चर के एक समूह ने की है. ये समूह पिछले दो सालों से चीन की नीतियों को समझने की कोशिश कर रहा है ताकि इस पर एक हैंडबुक बनाकर दुनिया की मदद की जा सके. क्योंकि चीन की नीतियां अक्सर अस्पष्ट शब्दों में और उनकी अलग-अलग व्याख्याएं होती हैं.
ऐसी ही एक रिपोर्ट तिब्बती में अगस्त 2019 में चीन की इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप और वेबसाइटों पर प्रसारित हुई जो भारत के सिक्किम राज्य की सीमा से लगे शिगात्से प्रान्त के गेरू गांव में सीमा पर गश्त और प्रचार गतिविधियों पर थी.
एचटी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, गेरू में जो पार्टी के पहले सचिव के रूप में तैनात किए गए हैं- फुरबू सोनम उनके हवाले से कहा गया है कि जिसे "सीमा रक्षा गांव" के रूप में वर्णित किया गया है, वो कहते हैं, "इन दिनों, गेरू निवासियों में हर कोई एक जासूस है और हर घर एक जासूस घर है."
एचटी में रिसर्च रिपोर्ट के हवाले से लिखा कि पार्टी के सचिन सोनम ने बताया कि वहां चीनी सैनिक और नागरिकों के बीच इतना गहरा संबंध हो गया है जैसे पानी और मछली का होता है. हर सोमवार को सीमावर्ती गांवों में स्थायी कैडर द्वारा चीन का झंडा फैराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है.
रसर्च में बताया गया कि चीन ने अक्टूबर में जो न्यू लैंड बॉर्डर कानून बनाया है उस कानून के अनुसार भारत को लेकर उनकी चिंता को दर्शाती है. इसी लिए ये तिब्बती रिसर्चर उस हैंडबुक को तैयार कर दुनिया की चीन को समझने के लिए मदद करना चाहते हैं.
वैसे तो चीन की सीमा 14 देशों के साथ लगती है लेकिन उसका विवाद केवल भारत और भूटान के साथ ही है.
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