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जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद दो केंद्र शासित राज्यों में तब्दील होने पर चीन ने आपत्ति जताई है. चीन ने कहा कि ये भारत का एकतरफा फैसला है जो कि गैर-कानूनी है, इससे चीन के ‘अधीन’ जो इलाका है उसपर कोई असर नहीं होगा. इसके जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और हम किसी और देश से इसपर किसी प्रकार की टिप्पणी की अपेक्षा नहीं करते हैं.
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बड़े हिस्से पर चीन का कब्जा है.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून के तहत गुरुवार को अधिकारिक रूप से दो केंद्र शासित राज्यों में तब्दील हो गया. 5 अगस्त 2019 के केंद्र सरकार ने संसद में कानून पास कर जम्मू-कश्मीर से उसके विशेष दर्जे को वापस लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में बदलने का फैसला किया था.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग श्वांग ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘भारत ने चीन की संप्रभुता को चुनौती देते हुए एकतरफा फैसला लिया और अपने घरेलू कानून और प्रशासनिक विभाग में बदलाव किए हैं. ये अवैध है और इससे चीन के अधिकार वाले इलाकों में कोई असर नहीं होगा.’’
चीन के इस बयान के बाद रवीश कुमार ने कहा है कि चीन को इस मामले में भारत के स्टैंड के बारे में भलीभांती पता है.
रवीश कुमार ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन कर उसको दो केंद्र शासित राज्यों में बदलने का फैसला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है. हम किसी और देश से ये अपेक्षा नहीं करते की वो इस मामले में टिप्पणी दे ठीक वैसे ही जैसे भारत किसी और देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देता.’’
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए रवीश कुमार ने कहा कि भारत ये अपेक्षा रखता है कि दूसरे देश भारत की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करें.
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