Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राशद हुसैन: अमेरिका का पहला मुसलमान धार्मिक स्वतंत्रता राजदूत, बिहार से कनेक्शन

राशद हुसैन: अमेरिका का पहला मुसलमान धार्मिक स्वतंत्रता राजदूत, बिहार से कनेक्शन

राशद जब भारत आए थे तब वो पटना में IIT के लिए फ्री कोचिंग चलाने वाले सूपर 30 के डायरेक्टर आनंद कुमार से मिले थे.

क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Rashad Hussain</p></div>
i

Rashad Hussain

(फोटो: Twitter)

advertisement

वीडियो एडिटर: मौसमी सिंह

"मेरे पिता बिहार से हैं. वो एक ऐसे गांव में बड़े हुए जहां बिजली भी नहीं थी. साल 1970 में वो वर्क वीजा पर भारत से अमेरिका आ गए. मैं अमेरिका में ही पला बढ़ा."

भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक राशद हुसैन (Rashad Hussain) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (Religious rights ambassador) के लिए एंबेसडर-एट-लार्ज के रूप में नियुक्त किया है. साल 2010 में राशद जब भारत आए थे तब वो पटना में IIT के लिए फ्री कोचिंग चलाने वाले सुपर 30 के डायरेक्टर आनंद कुमार से मिले थे. इसी दौरान उन्होंने अपने परिवार और भारत से जुड़ाव को लेकर बताया था.

धार्मिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी डिप्लोमेसी का नेतृत्व करने वाले राशद हुसैन पहले मुस्लिम हैं जिन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया है.

कौन हैं राशद हुसैन?

राशद अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में "पार्टनरशिप एंड ग्लोबल एंगेजमेंट" डिपार्टमेंट के डायरेक्टर हैं. राशद इससे पहले न्याय विभाग के नेशनल सिक्योरिटी डिविजन में वरिष्ठ वकील के रूप में काम कर चुके हैं.

जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब राशद इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में अमेरिका के विशेष दूत के तौर पर स्ट्रेटजिक काउंटर टेरेरिज्म के लिए और व्हाइट हाउस के डिप्टी एसोसिएट के तौर पर काम करते हुए अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं.

भारत दौरे पर आए थे राशद

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के विशेष दूत रहे राशद हुसैन ने साल 2010 में पटना दौरे के दौरान कहा था-"सुपर 30 बदलाव लाने के लिए एक बड़ी पहल थी. जब मैं अमेरिका वापस जाऊंगा, तो मैं राष्ट्रपति बराक ओबामा को स्कूल के बारे में बताऊंगा. मैं वास्तव में उस संस्थान को देखकर अभिभूत हूं जिसने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है."

येल लॉ स्कूल से कानून की डिग्री हासिल करने वाले राशद हुसैन के पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अरबी और इस्लामिक स्टडीज में मास्टर डिग्री है.

एक प्रतिनिधि के रूप में राशद हुसैन ने बहुपक्षीय संगठनों के साथ काम किया, जिनमें इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) और यूनाइटेड नेशन्स, विदेशी सरकारें, और सिविल सोसाइटी, एजुकेशन, हेल्थ, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, साइंस और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

हुसैन के पिता, एक माइनिंग इंजीनियर थे, 1970 के करीब काम के लिए बिहार से अमेरिका के व्योमिंग चले गए. कुछ साल बाद जब वो भारत आए तो उन्होंने हुसैन की मां से शादी की. हुसैन की मां नॉर्थ टेक्सास के पलानो में डॉक्टर हैं.

राशद अपने बारे में एक वीडियो में बतातें हैं कि वो अपने स्कूल में अकेले मुसलमान थे और उनके टीचर और साथी उनके जरिए इस्लाम के बारे में जानना चाहते थे. कुरान के स्कॉलर राशद ने मुस्लिम-बहुल देशों में यहूदी और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा को लेकर भी काम किया है. उन्हें धार्मिक कट्टरता के खिलाफ लड़ने के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि राशद को ओबामा प्रशासन में भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी और अब बाइडेन सरकार ने भी अहम जिम्मेदारी दी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 31 Jul 2021,01:36 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT