advertisement
क्या आप यकीन करेंगे कि कोरोना संकट के बीच पांच देश लांघ कर भारत से लोग अमेरिका के बॉर्डर तक पहुंच जा रहे हैं. वो अमेरिका में घुसना चाहते हैं, कुछ महामारी से बचने के लिए तो कुछ अमेरिकन ड्रीम जीने के लिए. लेकिन अक्सर ये लोग अमेरिकी सीमा पर ये पकड़े जाते हैं. मेक्सिको बॉर्डर से अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश करने वालों में मैक्सिको, होंडुरास, ग्वाटेमाला और एल-सेल्वाडोर से आए लोग भी होते हैं. आप इन्हें 'महामारी शरणार्थी' भी कह सकते हैं.
कंधों पर गंदे बैकपैक डाले ,नये शहरों में नये रोजगार के सपने लिए यह अवैध प्रवासी अमेरिका में पिछले कुछ महीनों में चोरी-चुपके नहीं बल्कि प्रत्यक्ष रूप से दाखिल हो रहे हैं. हाथ ऊपर करके सरेंडर की मुद्रा में वह सीधे पुलिस अधिकारियों की ओर बढ़ते हैं. इस विश्वास से कि यहां से उन्हें वापस नहीं लौटाया जाएगा.
यह उन दूर-दराज देशों से आए 'पेंडेमिक रिफ्यूजी' हैं ,जहां कोरोनावायरस के कारण अविश्वसनीय स्तर की बीमारी फैली और मौतें हुई हैं. जहां की अर्थव्यवस्था इनके जिंदगी गुजर बसर करने लायक नहीं रही.
इस सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में बॉर्डर के आस पास पाए गये अवैध प्रवासियों में से 30% परिवार मैक्सिको,होंडुरास, ग्वाटेमाला और एल-सेल्वाडोर के अलावा अन्य देशों से हैं. जबकि अप्रैल 2019 में यह आंकड़ा मात्र 7.5% ही था. यह दिखाता है कि अमेरिका में शरण लेते ये रिफ्यूजी सिर्फ सेंट्रल अमेरिका से ना होकर दूर-दराज के देशों से भी आ रहे हैं.
अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पर हाल के महीनों में अमेरिकी पुलिस ने 160 से भी ज्यादा देशों से आए अवैध प्रवासियों को रोका है .उनमें से अधिकतर उन देशों से थे जहां कोरोना महामारी ने प्रकोप मचाया है. मार्च में इक्वाडोर से 12500 लोग बॉर्डर क्रॉस करते पाए गए जबकि जनवरी में यह संख्या मात्र 3568 ही थी. ब्राजील से आए अवैध प्रवासियों की संख्या जनवरी में जहां 300 थी वही यह मार्च में 4000 के आसपास रही. जबकि वेनेजुएला से आए अवैध प्रवासियों की संख्या 284 से 3500 तक पहुंच गई.
अमेरिका के एरिजोना प्रांत में अचानक बढ़े अवैध प्रवास ने वहां के गवर्नर डग डूसी को पिछले महीने कई काउंटी में 'स्टेट ऑफ इमरजेंसी' लगाने तथा बॉर्डर के आसपास नेशनल गार्ड की नियुक्ति पर मजबूर कर दिया.
यहां तक कि डेमोक्रेट सीनेटर मार्क कैली ने भी राष्ट्रपति बाइडेन पर इस बॉर्डर 'संकट' को सही से हैंडल ना करने का आरोप लगाते हुए आलोचना की है.
रोजगार के अवसर की तलाश में आये इन रिफ्यूजियो को बॉर्डर पुलिस 'यूमा' में स्थित बॉर्डर पेट्रोल हेडक्वार्टर के पार्क में बने बड़े-बड़े टेंटो में रख रही है. यहां उनका बैकग्राउंड चेक करके इंटरव्यू लिया जा रहा है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)