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क्लाइमेट चेंज रोकने की मुहिम में 16 किशोर, भारत की रिद्धिमा भी

पर्यावरण के नुकसान के लिए 16 किशोरों ने सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज करवाई है

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पर्यावरण के नुकसान के लिए 16 किशोरों ने सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज करवाई है
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पर्यावरण के नुकसान के लिए 16 किशोरों ने सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज करवाई है
(फोटो: childrenvsclimatecrisis.org)

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दुनियाभर में क्लाइमेट चेंज के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान रोकने के लिए 16 किशोरों ने सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज करवाई है. इन 16 किशोरों में से एक उत्तराखण्ड की रिद्धिमा पांडे भी हैं. ये शिकायत 23 सितंबर को यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट एक्शन समिट के दौरान दर्ज कराई गई.

इन 16 बच्चों ने जो पिटीशन दायर की है, उसमें ये लिखा है कि कैसे दुनिया के 5 देशों में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. इन देशों में तुर्की, अर्जेंटीना, फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील शामिल हैं, वेबसाइट पर रिद्धिमा के बारे में कुछ जानकारी हैं. इसके मुताबिक:

6 साल पहले रिद्धिमा पांडे अपने परिवार के साथ नैनीताल से हरिद्वार में आकर बस गई थीं. हर साल जुलाई के महीने में कांवड़ यात्रा होती है, जो कि गंगा नदी से शुरू होती है. लेकिन हाल के दिनों में ऐसा देखा गया है कि गर्मी और सर्दी के मौसम में इसका तापमान बढ़ जाता है. बढ़ते तापमान से गंगा नदी को खतरा है. इससे इसका जलस्तर कम हो रहा है. इसका प्रमुख कारण धार्मिक कर्मकाण्ड भी हैं, जो गंगा के आसपास होते हैं.

‘‘कभी कभी बारिश भी होती है और बहुत तेज होती है. इस तेज बारिश से गंगा नदी खतरे के निशान पर पहुंच जाती है जिससे आसपास के इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है. भारी बारिश के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचता है. साल 2013 में ऐसी ही बारिश का सामना रिद्धिमा और उनके परिवार ने भी हरिद्वार में किया था, जिसमें कई मौतें हुई थीं.’’

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जब ग्रेटा ने दी दुनिया के नेताओं को चेतावनी

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट एक्शन समिट के दौरान 23 सितंबर को स्वीडन की 16 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने काफी भावुक भाषण दिया था. उन्होंने कहा कि अगर वैश्विक नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उचित कदम नहीं उठाए तो युवा पीढ़ी उन्हें कभी माफ नहीं करेगी.

‘‘मुझे इस वक्त यहां नहीं, बल्कि स्कूल में होना चाहिए था. आप सब हम युवाओं के पास उम्मीद के लिए आए. आपकी हिम्मत कैसे हुई? आपने अपने खोखले शब्दों से मेरे सपने चुरा लिए, मेरा बचपन चुरा लिया. फिर भी मैं भाग्यशाली हूं, लोग त्रस्त हैं, लोग मर रहे हैं. पूरा ईको सिस्टम तबाह हो रहा है.’’
ग्रेटा थनबर्ग  

ग्रेटा ने कहा, ''हम एक भारी विनाश की शुरुआत में हैं, आप सब सिर्फ पैसों के बारे में बात कर सकते हैं.''

इसके अलावा उन्होंने कहा, ''30 साल से ज्यादा समय से विज्ञान स्पष्ट रही है, आपकी हिम्मत कैसे हुई लगातार उसे नजरअंदाज करने की?''

ग्रेटा का दिया भाषण इंटरनेट पर वायरल हो गया है.

‘’आप हमें नाकाम कर रहे हैं, लेकिन युवाओं ने आपके धोखे को समझना शुरू कर दिया है. आने वाली सभी पीढ़ियों की निगाहें आपके ऊपर टिकी हैं. अगर आपने हमें नाकाम करने का ही विकल्प चुना तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे. हम आपको इससे बचकर नहीं जाने देंगे.’’
ग्रेटा थनबर्ग, पर्यावरण कार्यकर्ता

अपने भाषण के तुरंत बाद ग्रेटा ने 15 दूसरे बच्चों के साथ बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कमेटी में युवाओं पर जलवायु संकट के प्रभाव से संबंधित आधिकारिक शिकायत भी दर्ज की थी.

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