Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Rishi Sunak से भारतीय छात्रों की गुहार, अंग्रेजी परीक्षा में धांधली पर लें एक्शन

Rishi Sunak से भारतीय छात्रों की गुहार, अंग्रेजी परीक्षा में धांधली पर लें एक्शन

UK सरकार ने 34,000 से ज्यादा विदेशी छात्रों के वीजा रद्द किए गए हैं, जिनमें से कई कथित रूप से भारतीय हैं.

मधुश्री गोस्वामी
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>ऋषि सुनक से अंग्रेजी परीक्षा में धांधली पर एक्शन लेने की भारतीय छात्रों की गुहार</p></div>
i

ऋषि सुनक से अंग्रेजी परीक्षा में धांधली पर एक्शन लेने की भारतीय छात्रों की गुहार

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

भारतीय छात्र समेत अतरराष्ट्रीय छात्रों ने ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) से अपील की है कि अन्यायपूर्ण तरीके से वीजा रद्द किए जाने के मामले के खिलाफ कार्रवाई हो जो कि अंग्रेजी परीक्षा (English Test Scandal) में घोटाले के कारण हुआ है.

2014 में बीबीसी ‘पैनोरमा’ की पड़ताल में यह सामने आया था कि वीजा के लिए अनिवार्य भाषाई परीक्षा के दौरान ब्रिटेन में दो परीक्षा केंद्रों पर धांधली हुई थी. 

बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के बाद यूके सरकार ने क्या उपाय किए? और क्या-क्या आरोप लगे हैं?

क्या है पूरा मामला? 

2014 में, बीबीसी पैनोरमा ने एक अंग्रेजी भाषा की परीक्षा (जिसे टेस्ट ऑफ इंग्लिश फॉर इंटरनेशनल कम्युनिकेशन (TOEIC) के रूप में जाना जाता है) पर डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी जो लंदन के दो परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया गया था.

डॉक्यूमेंट्री में गैर-यूरोपीय संघ के छात्र, जो पहले से ही कानूनी रूप से यूके में रह रहे थे, उन्हें अंडरकवर में धांधली को उजागर करने के लिए भेजा गया. इन छात्रों को उन केंद्रों के सामने ऐसा बताया गया जैसे इन्हें अंग्रेजी नहीं आती है और ये अवैध रूप से काम करने के लिए यूके में रहना चाहते हैं.

एक छात्र को साउथहॉल के इमिग्रेशन कंसल्टेंसी स्टूडेंटवे एजुकेशन में भेजा गया. बीबीसी को कथित तौर पर बताया गया कि अगर टेस्ट देने वाले को अंग्रेजी नहीं आती फिर भी उन्हें पास कर दिया जाता है.

यहां तक की बीबीसी ने उन कंसल्टेंसी को फर्जी बैंक अकाउंट भी दिखाए और साबित किया कि गैर-यूरोपीय छात्र के पास यूके में रहने के लिए पर्याप्त पैसा है. इसके बाद यूके सरकार ने 96 केंद्रों में परीक्षा करवाने वाली एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ईटीएस) को कहा कि वे इन आरोपों की जांच करें और पता लगाए कि क्या वाकई में कोई धांधली हो रही है.

यूके सरकार ने इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रियां दी?

ईटीएस द्वारा की गई जांच के परिणाम में यूके सरकार ने 34,000 से अधिक विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर दिए, जिनमें से कई कथित रूप से भारतीय हैं, रातों-रात यूके में उनकी मौजूदगी को अवैध बता दिया गया.

द गार्डियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 22,000 छात्रों को बताया गया कि उनके परीक्षा परिणाम "संदिग्ध" थे. इसके बाद कई छात्रों को उनकी यूनिवर्सिटीज से बाहर निकाल दिया गया और रहने, काम करने और कुछ मामलों में अपील करने के अधिकार के बिना, उनमें से कई के पास घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.

जो लोग घोटाले से अपना नाम क्लियर करवाने के लिए रुके वे कथित तौर पर तनाव की वजह से बीमार, बेघर, भारी कानूनी फीस जैसी समस्याओं से जूझने लगे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

यूके के गृह कार्यालय के लिए खिलाफ क्या आरोप हैं?

2019 में, पब्लिक अकाउंट कमेटी की एक रिपोर्ट में पाया गया कि गृह कार्यालय ने अंग्रेजी भाषा परीक्षा में धांधली करने वाले छात्रों को दंडित किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह कार्यालय ने यह सब जांचे बिना किया कि क्या ईटीएस इस धांधली में शामिल है या उसके पास धोखाधड़ी के सबूत हैं.

ऋषि सुनक से छात्र क्या चाहते हैं?

छात्र चाहते हैं कि सुनक उन्हें इस मामले से अपना नाम क्लियर करने का एक तरीका बताए और उनकी मदद करें. 21 मार्च को उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट में एक याचिका भी प्रस्तुत की हैं.

डाउनिंग स्ट्रीट में छात्रों ने याचिका प्रस्तुत की

(फोटो- ट्विटर/@migrantVoiceUK)

डाउनिंग स्ट्रीट में छात्रों ने याचिका प्रस्तुत की

(फोटो- ट्विटर/@migrantVoiceUK)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT