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देश में CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर इन 4 विदेशी मीडिया ने क्या कहा?

भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को विदेशी मीडिया कवरेज

क्विंट हिंदी
दुनिया
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हमने कुछ इंटरनेशनल पब्लिकेशन की कवरेज को आपने के लिए समेटने की कोशिश की है
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हमने कुछ इंटरनेशनल पब्लिकेशन की कवरेज को आपने के लिए समेटने की कोशिश की है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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भारत में पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन देखने को मिले. छात्र, शिक्षक, एकेडमिशियन, बॉलीवुड स्टार्स से लेकर आम नागरिक इस नए नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर गए. इन विरोध प्रदर्शनों ने इंटरनेशनल मीडिया में भी जगह बनाई है. इंटरनेशनल मीडिया में इन विरोध प्रदर्शनों पर न सिर्फ खबरें लिखीं गई हैं बल्कि इस पर कई पब्लिकेशंस ने विस्तार से आर्टिकल भी लिखे हैं.

हमने कुछ इंटरनेशनल पब्लिकेशन की कवरेज को आपने के लिए समेटने की कोशिश की है-

‘भारत ने अपनाया तानाशाही रवैया: इंटरनेट शटडाउन’

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने इंटरनेट शटडाउन का मुद्दा उठाया है. एनवाईटी ने लिखा है कि सरकार सख्त नीति पर चल रही है. आर्टिकल में लिखा गया है कि लोकतंत्र में असहमति को नहीं दबाया जाता ये अधिकारवादी शासन में होता है. भारत सरकार इंटरनेट शटडाउन कर रही है. इस आर्टिकल में कश्मीर से लेकर, पत्रकारों की गिरफ्तारियां, बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारियों से लेकर अब सीएए और एनआरसी की बात को एक ट्रेंड के रूप में पेश किया गया है.

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एनवाईटी ने लिखा है कि सरकार सख्त नीति पर चल रही है(फोटो: न्यूयॉर्क टाइम्स स्क्रीनशॉट)

वॉशिंगटन पोस्ट में विरोध प्रदर्शन की कवरेज

वॉशिंगटन पोस्ट में पत्रकार राणा अयूब ने भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर आर्टिकल लिखा है. उन्होंने जामिया में सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर विस्तार से लिखा है. कैसे पुलिस ने सैंकड़ों छात्रों पर हमला किया, आंसू गैसे के गोले छोड़े. पीएम मोदी के प्रदर्शनकारियों पर दिए गए बयान का भी जिक्र किया.

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वॉशिंगटन पोस्ट में पत्रकार राना अयूब ने भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर आर्टिकल लिखा है.(फोटो: स्क्रीनशॉट)
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पाकिस्तान टुडे ने क्या लिखा?

पाकिस्तान टुडे ने ‘भारत का फासीवादी नागरिकता कानून नाम से आर्टिकल लिखा है. पाकिस्तानी टुडे ने फासीवाद की आदतों की तुलना की है से भारत की तुलना की है. इस आर्टिकल में हिटलर के रवैए का जिक्र किया गया है और उसकी तुलना पीएम मोदी से की है. इसी आर्टिकल में सावरकर के ‘हिंदू राष्ट्र’ का भी जिक्र किया गया है और उसकी मौजूदा भारत की परिस्थितियों से तुलना की है.

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पाकिस्तान टुडे ने भारत का फासीवादी नागरिकता कानून नाम से आर्टिकल लिखा है.(फोटो: स्क्रीनशॉट)

प्रदर्शनों में मौत के मामले में बीजेपी शासित राज्य आगे

अलजजीरा ने भारत में नागरिकता कानून पर होने वाले प्रदर्शनों में हुई मौतों पर खबर की है. इस आर्टिकल में राज्यवार होने वाली मौतों का विश्लेषण किया गया. इसके साथ ही पुलिस की कार्रवाई पर भी लिखा गया है. देश भर में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन के स्वरूप पर भी आर्टिकल में लिखा गया है.

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अलजजीरा ने भारत में नागरिकता कानून पर होने वाले प्रदर्शनों में हुई मौतों पर खबर की है.(फोटो: स्क्रीनशॉट)

जब से नागरिकता संशोधन कानून भारत के दोनों सदनों से पास हुआ है. विदेश मीडिया में इसको लेकर हुए विरोध की काफी कवरेज देखने को मिली है. इंटरनेशनल अखबारों ने इसकी खूब कवरेज की है.

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