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ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने अमेरिकी बलों पर किए हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया और कहा कि इसके साथ ही अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है.
जरीफ ने कहा, ईरान ने आत्मरक्षा के तौर पर यह कदम उठाया और उसके साथ ही सुलेमानी की मौत का बदला पूरा हो गया.
जावेद ने अपने ट्वीट में कहा-
“ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर केआर्टिकल 51 के तहत आत्मरक्षा के तौर पर यह कदम उठाया और उसके साथ ही सुलेमानी की मौत का बदला पूरा हो गया. इस हमले में उस अड्डे को निशाना बनाया गया जहा से नागरिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कायरतापूर्ण सैन्य हमला (अमेरिका द्वारा) किया गया था. हम तनाव बढ़ाना या युद्ध नहीं चाहते लेकिन किसी भी आक्रामकता से खुद की रक्षा करेंगे.’’
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर हमले की जानकारी इराक को दी थी.
इससे पहले इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान ने हमले में एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागे हैं . अमेरिका और ईरान के बीच तनाव उस दिन से ज्यादा बढ़ गया है, जब अमेरिका ने बगदाद में ड्रोन हमला कर ईरान के कुद्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने वीडियो भी जारी किए हैं, जिसमें ये हमला होते हुए दिख रहा है.
ईरान की संसद ने अमेरिका के पेंटागन और उसकी मिलिट्री को 'आतंकी संगठन घोषित' करने के लिए एक बिल पास किया है. संसद में एक स्पेशल धारा के तहत विधेयक पारित किया गया है. ये विधेयक जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद लाया गया है.
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारिफ ने मंगलवार को बताया कि अमेरिका ने उन्हें न्यू यॉर्क स्थित UN जाने के लिए वीजा जारी करने से मना कर दिया है. जारिफ ने कहा, "ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अमेरिका को डर है कि कोई वहां जाकर सब सच सच बता देगा तो फिर उसकी पोल खुल जाएगी." जारिफ ने कहा कि दुनिया केवल न्यू यॉर्क तक सीमित नही है और वो तेहरान से भी आवाज उठा सकते हैं.
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