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पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान पर मंगलवार को ईरानी हवाई हमलों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान ने अपने यहां मौजूद ईरानी राजदूत को निष्काषित कर दिया है जबकि ईरान की राजधानी तेहरान में मौजूद अपने शीर्ष राजनयिक को वापस बुला लिया है.
ईरान (Iran) ने मंगलवार, 16 जनवरी को पाकिस्तान में आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए. भ्रम की स्थिति तब पैदा हो गई, जब ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए (IRNA) ने हमले की जानकारी देने के कुछ देर बाद यह खबर अपने पोर्टल से हटा दी. पाकिस्तान ने देर रात जानकारी दी कि इस हवाई हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए. पाकिस्तान इसे अपने हवाई क्षेत्र का "अकारण उल्लंघन" बताया और गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी.
इस हमले की प्रतिक्रिया देर रात पाकिस्तान की ओर से आई. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा-
ईरान ने एक दिन पहले ही इराक और सीरिया पर हमला किया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. दरअसल, ईरान इस महीने जनरल कासिम सुलेमानी के बरसी पर हुए आत्मघाती बम विस्फोट के बाद भड़का हुआ है, जिसमें 90 से अधिक लोग मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
जैश अल-अदल, या "न्याय की सेना", 2012 में स्थापित एक सुन्नी आतंकवादी संगठन है. इसका संचालन पाकिस्तान से होता है. यह ईरान का विरोधी और कट्टर दुश्मन है. यह ईरान की सीमा में घुसकर कई बार वहां की सेना पर हमले और बमबारी करता रहा है.
ईरान पहले भी इस आतंकावादी संगठन के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहा है, लेकिन पाकिस्तान पर मिसाइल और ड्रोन हमला आश्चर्यचकित करने वाला है.
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