advertisement
इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान (Iran) की सरकार ने अपने विरोधियों पर कार्रवाई करते हुए तीन फिल्म डायरेक्टर्स जफर पानाही (Jafar Panahi), मोहम्मद रसूलोफ (Mohammad Rasoulof) और मुस्तफा अलेहमद (Mostafa Aleahmad) को गिरफ्तार करवा लिया है. बर्लिनाले पुरस्कार से सम्मानित रसूलोफ को सहयोगी अलेहमद के साथ सोशल मीडिया पर एक बयान पोस्ट करने के आरोप में अरेस्ट किया गया, जिसमें ईरानी सुरक्षा बलों के सदस्यों से Abadan शहर में बिल्डिंग ढहाए जाने के विरोध में अपने हथियार डालने का आग्रह किया गया था, जिसमें 40 से अधिक लोग मारे गए थे.
ईरानी न्यू वेव सिनेमा के दूसरे भाग के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक, जफर पानाही को सामाज से जुड़े मुद्दों पर फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है, जो अक्सर ईरानी धर्मतंत्र की आलोचना करते हैं.
हालांकि पानाही ने ईरानी सेंसरशिप की सीमाओं में रहते हुए ही फिल्में बनाने लगे लेकिन बाद में उन्होंने स्टाइल से अगल होकर The Circle (2000) और Offside (2006) जैसी फिल्में बनाईं.
पानाही ने The Circle के लिए Venice Golden Lion जीता, जो फिल्म ईरान के पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं के जीवन को दर्शाती है.
पानाही ने एक इंटरव्यू में कहा कि
2011 में पानाही और रसूलोफ दोनों को बिना परमिट के फिल्म चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दोनों को छह साल के जेल की सजा सुनाई गई थी और 20 साल के लिए फिल्म बनाने पर बैन लगा दिया गया था, इसमें सरकार के खिलाफ प्रचार करना भी शामिल था.
पानाही की फिल्मों की विदेशों में काफी तारीफ हुई. अपने फिल्मोग्राफी से उन्होंने कई फेस्टिवल अवार्ड्स को अपने नाम किया है, जिसमें 2015 बर्लिन गोल्डन बियर फॉर टैक्सी (Berlin Golden Bear for Taxi) शामिल है.
स्वतंत्र फिल्म डायरेक्टर मोहम्मद रसूलोफ को उनकी बेहतरीन फिल्मों और ऑफ-स्क्रीन उनकी सक्रियता दोनों के लिए जाना जाता है. बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में रसूलोफ की फिल्म There Is No Evil (2020) ने बेस्ट पिक्चर के लिए गोल्डन बियर प्राइज जीता. फिल्म कैपिटल पनिशमेंट के बारे में है और ईरानी सरकार की सेंसरशिप को नजरअंदाज करते हुए सीक्रेट रूप से फिल्माई गई थी.
अलेहमद ने भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक बयान शेयर किया. उन्होंने जेल से बाहर आए हुए एक व्यक्ति के जीवन पर आधारित फिल्म Poosteh (2009) का डायरेक्शन किया है.
मोहम्मद रसूलोफ और मुस्तफा अलेहमद को 8 जुलाई को अबादान शहर में इमारत ढहने के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर की गई क्रूर कार्रवाई के खिलाफ एक बयान पोस्ट करने के बाद हिरासत में लिया गया था.
रसूलोफ और अलेहमद 70 फिल्मी हस्तियों के एक ग्रुप में शामिल थे और ग्रुप ने एक अपील पर साइन किया था, जिसमें देश के सुरक्षा बलों से सड़क पर विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने हथियार डालने की गुजारिश की गई थी. जफर पानाही साइन करने वालों में से एक थे और उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपील भी पोस्ट की थी.
उन्हें पहले गिरफ्तार नहीं किया गया था. पानाही को तब हिरासत में लिया गया, जब वो मोहम्मद रसूलोफ के केस की जांच के लिए तेहरान में अभियोजक के कार्यालय गए थे.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक नाम ना छापने की शर्त पर जफर पानाही के एक सहयोगी ने बताया कि उनको मौजूदा वक्त में ईरान के कुख्यात एविन (Evin) जेल भेजा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कई सालों पुरानी जेल की सजा काटने के लिए गिरफ्तार किया गया है.
Arab Weekly की रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी फिल्म इंडस्ट्री पर मई में ही कार्रवाई शुरू हुई, जब अधिकारियों ने कई फिल्म निर्माताओं और इंडस्ट्री के अन्य पेशेवरों के ऑफिसों और घरों पर छापा मारा और उनमें से कुछ को गिरफ्तार कर लिया.
रसूलोफ ने मई में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक बयान शेयर किया था, जिसमें कार्रवाई की निंदा की गई थी और इसे अवैध कहा गया था.
2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने और प्रतिबंधों को हटाने के लिए इन-डायरेक्ट यूएस-ईरान वार्ता भी ठप हो गई है और देश एक गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
ईरानी सरकार द्वारा फिल्म डायरेक्टर्स को गिरफ्तार किए जाने के बाद Cannes ने एक बयान में गिरफ्तारी की निंदा की है.
The Festival de Cannes इन गिरफ्तारियों के साथ-साथ ईरान में कलाकारों के खिलाफ चल रही दमन के लहर की कड़ी निंदा करता है. इस फेस्टिवल में मोहम्मद रसूलोफ, मुस्तफा अलेहमद और जफर पानाही की तत्काल रिहाई की मांग की गई है.
इससे पहले बर्लिनाले (Berlinale) ने भी रसूलोफ की गिरफ्तारी की निंदा की थी. Berlin International Film Festival के डायरेक्टर मैरिएट रिसेनबीक (Mariette Rissenbeek) और कार्लो चट्रियन (Carlo Chatrian) ने कहा
(इनपुट्स- AP, Indian Express, The Arab Weekly)
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)