advertisement
साल 2015 के ईरान परमाणु समझौते को फिर से शुरू करने के लिए औपचारिक बातचीत, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है, एक समझौते के करीब है. इसकी जानकारी यूरोपीय संघ (ईयू) के एक अधिकारी ने रविवार को दी है. उनके मुताबिक इस बारे में जारी बैठक पिछले छह दौर की बातचीत को समेटकर इस नतीजे पर पहुंची है.
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीय बाहरी कार्रवाई सेवा के उप महासचिव और राजनीतिक निदेशक एनरिक मोरा ने जेसीपीओए संयुक्त आयोग की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "हम एक सौदे के करीब हैं, लेकिन हम अभी भी वहां नहीं हैं, जिसमें चीन फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन और ईरान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया."
मोरा ने कहा, "हमने कई तकनीकी मुद्दों पर प्रगति की है. अब हमारे पास तकनीकी दस्तावेजों पर अधिक स्पष्टता है, वे सभी काफी जटिल हैं. यह स्थिति हमें यह भी स्पष्ट करने की अनुमति देती है कि राजनीतिक समस्याएं क्या हैं. एक सप्ताह पहले की तुलना में इस डील के करीब हैं."
इस बीच, सभी प्रतिभागी परामर्श के लिए अपनी राजधानियों की यात्रा करेंगे. मोरा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले दौर में प्रतिनिधिमंडल "स्पष्ट निर्देशों के साथ वापस आएगा, इस पर स्पष्ट विचारों के साथ कि अंतत: सौदे को कैसे आखिरी रूप दिया जाए."
बोरेल ने जरीफ के साथ बैठक के बाद शुक्रवार को ट्वीट किया, "पिछले हफ्तों में हुई प्रगति का स्वागत किया गया, लेकिन कठिन निर्णय बने हुए हैं. राजनीतिक अवसर को जब्त करना और सभी के लिए लचीला होना महत्वपूर्ण है. आज के राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर, मैंने ईरान द्वारा निरंतर प्रतिबद्धता का आह्वान किया."
आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया कि ईरान के उप विदेश मंत्री और शीर्ष परमाणु वार्ताकार सैय्यद अब्बास अराघची ने बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा कि 2015 के परमाणु समझौते के पुनरुद्धार पर एक समझौते के लिए दस्तावेज लगभग तैयार हैं.
उन्होंने कहा, "हम पहले से कहीं अधिक एक समझौते के करीब हैं, लेकिन अंतराल को पाटना .. पार्टियों द्वारा निर्णय की आवश्यकता है साथ ही कुछ मुद्दों को अभी भी हल करने की जरूरत है."
जेसीपीओए में संयुक्त राज्य अमेरिका की संभावित वापसी और जेसीपीओए के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के तरीके के मद्देनजर पिछली चर्चा जारी रखने के लिए जेसीपीओए संयुक्त आयोग ने 6 अप्रैल को वियना में ऑफलाइन प्रारूप में मिलना शुरू किया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)