advertisement
साउथ अमेरिका के कई देशों में रविवार को गुल हुई बिजली भले ही अब वापस आ गई हो, लेकिन कई गंभीर सवालों के जवाब अभी भी अंधेरे में हैं. रविवार को हुए पावर फेल्यर की वजहों को लेकर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. हालांकि इस ब्लैकआउट की कोई पुख्ता वजह अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये गड़बड़ी साइबर अटैक का नतीजा तो नहीं.
अर्जेंटीना के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या साइबर हमले या तोड़फोड़ के कारण देश में बिजली ग्रिड फेल हुआ. इस वजह से पांच देशों में कम से कम 55 मिलियन, यानी 5 करोड़ 50 लाख लोगों को बिजली के बिना रहना पड़ा.
जैसे ही अर्जेंटीना, उरुग्वे, पैराग्वे, चिली और ब्राजील के कुछ हिस्सों में सोमवार को रोशनी वापस आई, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री ने इस घटना की गहरी जांच का वादा किया. जांच की रिपोर्ट 10 से 15 दिनों के अंदर आने की उम्मीद है. इस घटना ने अर्जेंटीना के पावर ग्रिड व्यवस्था पर गंभीर सवालिया निशान लगाया है. अर्जेंटीना की पावर ग्रिड दक्षिण अमेरिका के कई बड़े देशों को जोड़ती है.
23 दिसंबर 2015 में यूक्रेन में पावर ग्रिड साइबर अटैक का शिकार हुआ था. इसे पावर ग्रिड पर पहले सफल साइबर अटैक के तौर पर जाना जाता है. हैकर्स ने यूक्रेन में पावर सप्लाई करने वाली तीन कंपनियों के इन्फॉर्मेशन सिस्टम को हैक कर लिया था. इसके बाद हैकर्स ने दूर बैठे ही बड़ी आसानी से देश में बिजली की सप्लाई को रोक दिया था.
बता दें कि अर्जेंटीना, उरुग्वे, पैराग्वे, चिली और ब्राजील में रविवार को बिजली गुल हो गई थी. करोड़ों लोग इससे प्रभावित हुए. अर्जेंटीना में गवर्नर के लिए हो रहे चुनावों में मतदाताओं ने फोन की रोशनी में मतदान किया. सार्वजनिक यातायात ठप हो गया, दुकानें बंद हो गईं और घर में मेडिकल उपकरणों पर निर्भर मरीजों से जनरेटर वाले अस्पतालों में जाने की अपील की गई. काफी मशक्कतों के बाद ज्यादातर हिस्सों में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई है.
ये भी पढ़ें - दक्षिण अमेरिका में बिजली गुल, अंधेरे में 4.4 करोड़ लोग
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)