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इजरायल और हमास के बीच जंग (Israel-Hamas War) को 19 दिन हो चुके हैं. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद इजरायली आर्मी गाजा पर लगातर बमबारी कर रही है. इजरायल जल्द ही गाजा में जमीनी हमला कर सकता हैं. वहीं दूसरी तरफ गाजा में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. 11 अक्टूबर से इजरायल ने गाजा (Gaza Strip) की पूर्ण नाकेबंदी कर दी थी और गाजा में जाने वाली खाना, पानी और बिजली की आपूर्ति को रोक दिया था.
अमेरिका और मिस्त्र के हस्तक्षेप के बाद इजरायल ने गाजा में मदद भेजने की अनुमति तो दी लेकिन सिमित मात्रा में. 21 अक्टूबर को गाजा में मिस्र के रास्ते पहली मानवीय मदद पहुंची. लेकिन इसके बावजूद गाजा में हालात बेहद खराब हैं.
गाजा के मूल निवासी और UNRWA के प्रवक्ता अदनान अबू हसन ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि गाजा में मौजूदा हालात क्या हैं और बिना पानी, खाना और बिजली के कैसा है गाजा में जीवन?
अदनान अबू हसन बताते हैं कि फ्यूल की कमी की वजह से पानी को सुद्ध करने के प्लांट बंद हो चुके हैं-
"हम बहुत मुश्किल में हैं! आप देख सकते हैं, यहां हर चीज का अभाव है. गाजा में बिजली नहीं है. तनाव बढ़ने के चार दिन बाद हमारे यहां बिजली गुल हो गई. हम पीड़ित हैं और पीने लायक पानी नहीं है... लोग बिना किसी ट्रीटमेंट के, सीधे कुओं से पानी पी रहे हैं, क्योंकि फ्यूल नहीं है"
इजरायल की बमबारी के बाद गाजा में सबसे भयानक स्थिति अस्पतालों की है. लोग आश्रय और मदद के लिए अस्पतालों का रुख कर रहे हैं लेकिन अस्पताल मदद कर पाने में सक्षम नहीं है.
"लेकिन अब हम ऐसा नहीं कर सकते. यहां अस्पतालों के फर्श पर घायल लोग हैं. हम ऐसी चीजें देख रहे हैं जिनकी आप कल्पना नहीं कर सकते. लाशों को रखने के लिए हमारे पास बॉडी बैग की कमी है. यह भयानक है."
गाजा में पीने के पानी की भयंकर कमी है. आम नागरिकों के साथ ही अस्पताल और UN के दफ्तर भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं. बिना पानी के जीवन मुश्किल है. अदनान अबू हसन बताते हैं-
"कुछ छोटे प्लांट हैं जो अभी भी काम कर रहे हैं. हम उन्हें ईंधन देते हैं तो हमें पानी मिलता है. लेकिन नहाने के लिए पानी नहीं है, मैं 16 दिनों में सिर्फ एक बार नहाया हूं"
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इजरायल दौरे के बाद कुछ चीजों पर समझौता सा हुआ. जिसके बाद मिस्त्र ने ऐलान किया कि UN और दुनियाभर से आई मदद को मिस्त्र रफा बॉर्डर क्रोसिंग के रास्ते गाजा में भेजेगा. 21 अक्टूबर को मानवीय मदद की पहली खेप गाजा पहुंची. लेकिन ये मदद बहुत ही सिमित और कम थी.
"अब तक ट्रकों की तीन खेप आ चुकी है. कुल मिलाकर लगभग 50 ट्रक या उससे कुछ ज्यादा पहले रोजाना 500-600 ट्रक आते थे"
ऐसा पहली बार नहीं है जब गाजा जंग देख रहा है. इतिहास में गाजा और फिलिस्तीन के नागरिक कई जंगे देख चुके हैं. इस वर्ष फिलिस्तीन और इजरायल के बीच तनाव तब शुरू हुआ जब 7 अक्टूबर की सुबह फिलिस्तीन के इस्लामी समूह हमास ने अचानक इजरायल पर रॉकेट्स से हमला कर दिया और कई लोगों को बंधक भी बना लिया. हमास के इस हमले के बाद से इजरायल गाजा पर लगातार बमबारी कर रहा है.
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