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इजराइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) के बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए. ईरान समर्थित इस समूह ने पिछले साल के अंत से ही लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग को निशाना बनाना शुरू कर दिया था. अब तक हूतीयों ने 27 व्यापारिक जहाजों पर हमले किये हैं. हूतियों को चेतावनी बाद यह अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से पहला हमला है.
यमन में प्रत्यक्षदर्शियों ने रॉयटर्स को पूरे देश में विस्फोटों की पुष्टि की. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार, 11 जनवरी को देर रात एक बयान में आगाह किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह आगे की कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे.
एक हूती अधिकारी ने राजधानी साना, साद और धमार शहरों के साथ-साथ होदेइदा प्रांत में हमले की पुष्टि की, इसे अमेरिकी-ज़ायोनी-ब्रिटिश हमला कहा.
NDTV के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमले विमान, जहाज और पनडुब्बी द्वारा किए जा रहे थे. अधिकारी ने कहा कि एक दर्जन से अधिक स्थानों को निशाना बनाया गया और हमलों का उद्देश्य हूती विद्रोहियों के सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने रॉयटर्स को बताया कि गुरुवार को हमले में सना हवाई अड्डे से सटे एक सैन्य अड्डे, ताइज हवाई अड्डे के पास एक सैन्य स्थल, होदेइदाह में एक हूती नौसैनिक अड्डे और हज्जाह गवर्नरेट में सैन्य स्थलों को निशाना बनाया गया.
हूती विद्रोही ने लाल सागर शिपिंग रास्तों पर अपने मिसाइल और ड्रोन हमलों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय कॉलों की अवहेलना की, जिसे लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई थी.
हूतीयों का कहना है कि उनके हमले गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के समर्थन में हैं. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद इजरायल ने सैन्य हमला किया जिसमें गाजा में 23,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
हूतीयों ने अब तक 27 जहाजों पर हमला किया है, जिससे यूरोप और एशिया के बीच प्रमुख मार्ग पर अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड बाधित हो गया है.
हूती विद्रोहियों ने गृहयुद्ध में यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है. हूती विद्रोहियों ने इजरायल से जुड़े या इजरायली बंदरगाहों की ओर जाने वाले जहाजों पर हमला करने की कसम खाई है. हालांकि, लक्षित जहाजों में से कई का इजरायल से कोई संबंध नहीं था.
वहीं, अमेरिका-ब्रिटेन के हमलों के बाद सऊदी अरब ने अमेरिका और उसके सहयोगियों से संयम बरतने का अनुरोध किया है. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि उनका देश इन हमलों से चिंतित है और स्थिति पर नजर रख रहा है.
अमेरिकी सेना ने गुरुवार को कहा कि हूतीयों ने अदन की खाड़ी में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन में एक जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जो 19 नवंबर के बाद से इनके द्वारा किया गया 27वां हमला है.
यमन में यह हमला लाल सागर में 9 जनवरी को हूतीयों के अब तक के सबसे बड़े हमले के कुछ ही दिनों बाद हुआ. अमेरिकी और ब्रिटिश नौसैनिक बलों को दक्षिणी लाल सागर की ओर दागे गए 21 हूती ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया. अमेरिकी सेना ने इसे एक जटिल हमला बताया.
बाइडेन ने अपने बयान में कहा कि हूतीयों ने सीधे तौर पर अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाया.
दिसंबर में, 20 से अधिक देश लाल सागर में वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के लिए अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में भाग लेने के लिए सहमत हुए, जिसे ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन के नाम से जाना जाता है. हालांकि, अमेरिकी और ब्रिटिश हमले उस रक्षात्मक गठबंधन के बाहर हो रहे हैं.
बाइडेन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड ने ऑपरेशन का समर्थन किया.
बाइडेन ने एक बयान में कहा, "इन हमलों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया एकजुट और दृढ़ रही है."
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