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Israel-Iran Tension: इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव फिलहाल के लिए थोड़ा शांत होता नजर आ रहा है या यूं कहें तो दोनों देश इसे एक्टिव वॉर के दायरे में पहुंचने से रोकने के लिए संभलकर कदम रख रहे हैं. पहले सीरिया में ईरानी दूतावास पर कथित रूप से इजरायल ने हमला किया. इस हमले में ईरान के बड़े कमांडर की मौत हुई तो ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से जवाबी हमला कर दिया. अब इसके जवाब में इजरायल ने जो हमला किया उसको लेकर ईरान भड़का नहीं.
अमेरिका (US) के दो अधिकारियों ने कहा है कि 19 अप्रैल को इजरायल (Israel) ने ईरान पर मिसाइल से हमला किया है.
हालांकि इजराइल ने अभी भी आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार नहीं किया है कि शुक्रवार सुबह तड़के ईरान में हुआ हमला उसी का काम था. वहीं, ईरान के सैन्य और राजनीतिक नेताओं ने इस पर जोर नहीं दिया है, मिसाइल से हमले की बात को भी खारिज किया है और यहां तक कहा है कि कथित हमले से कुछ भी बड़ा नहीं हुआ है.
सबसे पहले आपको बताते हैं कि ईरान के जिस प्रांत में इजरायल का यह कथित हमला हुआ वो खास क्यों है?
इस्फहान ईरान का एक ऐतिहासिक केंद्रीय प्रांत है जो अपनी इस्लामी विरासत के लिए जाना जाता है. हालांकि मौजूदा वक्त में यह प्रांत अपने नतान्ज न्यूक्लियर फैसिलिटी, इस्फहान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर और एक प्रमुख हवाई अड्डे के लिए अधिक प्रसिद्ध है. इसी हवाई अड्डे का उपयोग करके ईरान ने इज़राइल पर 14 अप्रैल को हमला किया था. यही पर वो फैक्ट्रियां हैं जिसमें ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का उत्पादन होता है.
अब यह सवाल कि क्या ईरान तनाव बढ़ाने से बच रहा है? दरअसल, ईरान के कट्टरपंथी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने अपने शुक्रवार के भाषणों में इन सबसे हालिया घटनाओं का उल्लेख तक नहीं किया.
वहीं, ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीरबदोल्लाहियान ने इस्फहान पर हुए हमले को अधिक महत्व नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मिसाइल नहीं मिनी ड्रोन था. " वे उन खिलौनों की तरह थे जिनसे हमारे बच्चे खेलते हैं." साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर इजरायल की ओर से कोई बड़ा हमला होता है तो ईरान तुरंत उसका जवाब देगा.
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